दिल्ली में प्रदूषण पर राजनीति करने वाली भाजपा रिज एरिया में 1100 पेड़ों की अवैध कटाई पर चुप क्यों?- जस्मीन शाह

नई दिल्ली।

दिल्ली के छतरपुर स्थित रिज एरिया में 1100 पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में भाजपा की चुप्पी पर आम आदमी पार्टी ने सवाल खड़ा किया है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने कहा कि वैसे तो भाजपा प्रदूषण के मसले पर जमकर राजनीति करती है, तो अब वो बिना अनुमति के रिज एरिया में काटे गए सैकड़ों पेड़ों के मुद्दे पर चुप क्यों है? यह रिज दिल्ली का फेफड़ा कहा जाता है। यह जानते हुए भी एलजी के अधीन आने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी डीडीए ने चोरी-छिपे 1100 पेड़ काट दिए। यह मामला सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद सामने आया है कि एलजी साहब के मौखिक आदेश पर ये पेड़ काटे गए। उन्होंने भाजपा से पूछा कि क्या अवैध रूप से पेड़ों के काटने में भाजपा भी एलजी साहब के साथ शामिल है, आखिर डीडीए के अफसर किसके दबाव में तथ्य छिपा रहे हैं? दिल्ली सरकार की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने नोटिस देकर वन विभाग से फाइल मांगी, जो अभी तक नहीं मिली है। भाजपा बताए कि क्या अधिकारी उसके दबाव में फाइल दबाए बैठे हैं?

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत के लिए प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले 9 सालों से प्रदूषण के खिलाफ युद्ध स्तर पर काम किया है। प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली सरकार ने जितने ठोस कदम उठाए हैं, देश के किसी अन्य राज्य में नहीं उठाए गए हैं। पिछले 9 सालों में केजरीवाल सरकार के उठाए गए कई ठोस कदमों के परिणाम स्वरूप दिल्ली के प्रदूषण में 30 फीसद तक कमी आई है। सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली देश के पहला ऐसा राज्य है, जिसने कोयले से चलने वाले अपने सारे थर्मल पावर प्लांट बंद कर दिए। देश के किसी भी राज्य ने ऐसा कड़ा फैसला नहीं लिया है। 24 घंटे बिजली की सुविधा मिलने की वजह से दिल्ली में कहीं भी डीजल जनरेटर सेट नहीं दिखते हैं। दिल्ली के तमाम औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाले फ्यूल पर बैन लगाया गया और पीएनजी जैसे क्लीन फ्यूल को बढ़ावा दिया गया। आज दिल्ली देश का इकलौता राज्य है, जहां इंडस्ट्रीज 100 फीसद क्लीन फ्यूल यानि पीएनजी से चलती हैं।

जस्मीन शाह ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को देश की सबसे बेहतरी इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी दी है। इसकी बदौलत आज देशभर मे दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या सबसे ज्यादा है। इन सबके अलावा सरकार ने दिल्ली का ग्रीन कवर बढ़ाया है। पिछले 9 वर्षों में दिल्ली में करोड़ों पौधे लगाए गए हैं। दिल्ली सरकार ने अब तक करोड़ों पौधे लगाए हैं। इसके चलते दिल्ली का ग्रीन कवर 2013 से 2021 में 20 से बढ़कर 23 फीसद हो गया है। दिल्ली के ग्रीन कवर में 3 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। दूसरी तरफ, भाजपा विकास के नाम पर शहरों और पहाड़ों में पेड़ काट रही हैं। कुछ दिनों पहले दिल्ली के छतरपुर रिज क्षेत्र में अवैध तरीके से 1100 पेड़ काटे जाने की घटना सामने आई। यह रिज क्षेत्र दिल्ली का सबसे संवेदनशील इलाका है, इसे दिल्ली का फेफड़ा कहा जाता है। इसलिए इसका संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। दिल्ली के रिज से एक भी पेड़ काटने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेना जरूरी है। इसके बावजूद केंद्र सरकार की एजेंसी डीडीए ने फरवरी 2024 में बिना सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के रातों-रात 1100 पेड़ काट दिए। यह प्रकृति के खिलाफ किया गया अपराध है। अगर कोई निजी संस्था ऐसा करे तो उसे सजा दी जाती है, लेकिन दिल्ली के इतिहास में यह पहली बार है किसी सरकारी एजेंसी ने चोरी-छिपकर इतनी भारी संख्या में पेड़ काटे हैं।

जस्मीन शाह ने कहा कि एक याचिकाकर्ता द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद यह मामला सामने आया। सुप्रीम कोर्ट ने जब डीडीए से सवाल किया कि किसके कहने पर यह पेड़ काटे गए, तब पता चला कि दिल्ली के एलजी उस समय खुद वहां गए थे और उनके आदेश पर ये सारे पेड़ काटे गए। डीडीए के अधिकारियों की ईमेल से पता चलता है कि एलजी साहब ने रिज क्षेत्र का दौरा किया और 1100 पेड़ काटने के मौखिक आदेश दिए। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट ने इस घटना के लिए डीडीए के अफसरों को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि डीडीए के अफसर मामले की सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान साफ कहा कि अफसरों के बर्ताव से लगता है कि वह डीडीए के अध्यक्ष एलजी वीके सक्सेना को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। जिस भाजपा ने अपने राज्यों में प्रदूषण के खिलाफ कोई काम नहीं किया, वह भी दिल्ली के प्रदूषण पर हमेशा अपने घड़ियाली आंसू बहाती है। यहां हैरानी की बात है कि दिल्ली के रिज एरिया में 1100 पेड़ काटे जाने की घटना पर भाजपा के मुंह में दही जम गई है। दिल्ली की जनता भाजपा से सवाल कर रही है कि उन्हें दिल्ली के लोगों की जान की परवाह क्यों नहीं है?