गांवों में लगी स्ट्रीट लाइटों को मीटर से कनेक्ट करने की तैयारी में प्राधिकरणग्रेटर

नोएडा। प्राधिकरण क्षेत्र के गांवों में लगी एलईडी स्ट्रीट लाइटों को मीटर से कनेक्ट कर उसके हिसाब से बिल का भुगतान किए जाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। प्राधिकरण और नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) की संयुक्त टीम गांव में जाकर सर्वे कर रही है। यह देखा जा रहा है कि कहां- कहां पर मीटर लगाने की जरूरत है। प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले लगभग 100 गांवों में स्ट्रीट लाइटें लगाने का काम पूरा हो चुका है। अभी लोड के हिसाब से बिल का भुगतान किया जा रहा है। मीटर लगने पर उसी स्ट्रीट लाइट का भुगतान किया जाएगा, जो जलती होंगी। ऐसे में प्राधिकरण को आर्थिक लाभ होगा। दरअसल बिजली के भारी भरकम बिल से छुटकारा पार्ने और ऊर्जा की बचत के लिए प्राधिकरण द्वारा शहरी व क्षेत्र के गांवों में मिलाकर लगभग 75 हजार स्मार्ट एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं। इसका ठेका सूर्या कंपनी के पास है। आधी बिजली की खपत का दावा किया गया था। गांवों में लगी स्ट्रीट लाइटों के बिल का भुगतान प्राधिकरण विद्युत आपूर्ति कंपनी एनपीसीएल को स्वीकृत लोड के हिसाब से करता है। जबकि गांवों में स्थिति यह है कि लगभग 50 फीसदी स्ट्रीट लाइटें जलती ही नहीं हैं। यही नहीं खराब होने पर सही करने में कई दिन लग जाते हैं। इस संबंध में ग्रामीण आए दिन शिकायत करते रहते हैं। इसको देखते हुए प्राधिकरण ने सभी स्ट्रीट लाइटों को मीटर से कनेक्ट कर उसके हिसाब से बिल के भुगतान का निर्णय लिया है। इसके लिए गांवों में सर्वे कर यह पता लगाया जा रहा है कि किन- किन गांवों में मीटर लगे हैं। योजना के मुताबिक 40 से 50 स्ट्रीट लाइट के ऊपर एक मीटर लगाया जाएगा। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि इससे बिजली का बिल कम हो सकता है। उन्हीं स्ट्रीट लाइटों का बिल आएगा,जो जलेंगी। स्ट्रीट लाइटों को मीटर से जोड़े जाने पर प्राधिकरण पर बिल का भार कुछ कम हो सकता है। उतनी ही स्ट्रीट लाइट का बिल आएगा,जो सही होंगी। गांवों में बड़ी संख्या में स्ट्रीट लाइटें अक्सर खराब पड़ी रहती हैं। सूर्या कंपनी द्वारा नियमित रूप से रखरखाव भी नहीं किया जा रहा है। प्राधिकरण क्षेत्र के गांवों में लगी सभी स्ट्रीट लाइटों को मीटर से जोडऩे की तैयारी चल रही है। इसके लिए सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। अब तक 25 से अधिक गांवों में सर्वे हो चुका है। यह देखा जा रहा है कि कहां- कहां पर मीटर लगाने की जरूरत है। एक मीटर से 40 से 50 स्ट्रीट लाइटों को जोड़ा जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जो स्ट्रीट लाइट जलेगी उसी का भुगतान करना होगा।