दिल्ली का एयरपोर्ट बना नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला देश का पहला हवाई अड्डा


नई दिल्ली।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का इन्दिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई) को नेट जीरो कार्बन एमिशन एयरपोर्ट का दर्जा दिया गया है। ऐसा दर्जा प्राप्त करने वाला ये पहला भारतीय एयरपोर्ट है। जीएमआर एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की सहायक कंपनी दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने घोषित किया कि इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट एसीआई के एसीए कार्यक्रम के तहत नेट जीरो कार्बन एमिशन एयरपोर्ट का दर्जा (स्तर 5 प्रमाणन) सफलतापूर्वक हासिल करने वाला भारत का पहला एयरपोर्ट बन गया है।

6 साल पहले ही पूरा किया लक्ष्य:
मिली जानकारी के अनुसार शुरू में हवाई अड्डे ने 2030 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन रिन्यूअबल एनर्जी के उपयोग, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और हरित हवाई अड्डे के लिए बुनियादी ढांचे के विकास सहित विभिन्न उपायों के माध्यम से डायल ने अपने लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही पूरा कर लिया।
एक कार्यक्रम के दौरान डायल सीईओ विदेह कुमार जयपुरिया ने कहा कि एयरपोर्ट संचालन से कार्बन उत्सर्जन को कम करना आईजीआई एयरपोर्ट में हमारे लिए एक प्रमुख फोकस रहा है। 2016 में कार्बन-न्यूट्रल स्थिति और 2020 में लेवल 4+ संक्रमण मान्यता प्राप्त करना केवल शुरुआत थी। 2024 में पांच स्तर के शुद्ध रूप से शून्य उत्सर्जन मान्यता प्राप्त करने के साथ, हमने एक बार फिर निरंतर सुधार और पर्यावरण अनुकूल पहल के मामले में अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है।’’
विदेह कुमार ने कहा कि जैसा कि हम जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करते हैं, हम अपने कार्बन पदचिह्न को और कम करने और स्कोप 3 उत्सर्जन को संबोधित करने के लिए स्थायी विमानन ईंधन विकल्पों की खोज करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी लक्ष्य तिथि से पहले एसीआई के लेवल 5 प्रमाणन को प्राप्त करना स्थिरता और नवाचार के प्रति हमारे समर्पण का प्रमाण है।