ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में 100 करोड़ रुपए से अधिक की शत्रु संपत्ति पर चलेगा बुलडोजर।

:- 28 अगस्त 2024 तक बाबा का बुलडोजर चलाने के आदेश दे दिए गए हैं।


ग्रेटर नोएडा :- उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में स्थित 100 करोड़ रुपए से अधिक की शत्रु संपत्ति पर अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर चलाया जाएगा। यह कार्रवाई शत्रु संपत्ति की 10950 वर्ग मीटर जमीन को अवैध निर्माण से मुक्त कराने के लिए की जा रही है।

आपको बता दें कि हाल ही में जिला प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के शाहबेरी गांव में 10950 वर्ग मीटर जमीन पर बाबा का बुलडोजर चलाया जाएगा। इस जमीन की कीमत लगभग एक अरब 950 करोड़ रुपए बताई जाती है। 100 करोड़ से भी अधिक कीमत की इस जमीन पर 28 अगस्त 2024 तक बाबा का बुलडोजर चलाने के आदेश दे दिए गए हैं।

शाहबेरी गांव के खसरा नंबर 13, 30, 125, और 187 में स्थित शत्रु संपत्ति पर बने अवैध ढांचों को ध्वस्त करने का नोटिस जिला प्रशासन द्वारा पहले से ही चश्मा कर दिया गया था। इस अभियान के तहत खसरा नंबर 197 की 8790 वर्गमीटर जमीन पर बनी करीब 150 दुकानें और खसरा नंबर 13 की 1520 वर्गमीटर जमीन पर बने चार मकान शामिल हैं। इसके अलावा, खसरा नंबर 30 में 250 वर्गमीटर और खसरा नंबर 125 में 390 वर्गमीटर जमीन पर बने अवैध निर्माण भी ध्वस्त किए जाएंगे।कुछ महीनों पहले प्रशासन ने इन अवैध दुकानों को सील कर दिया था। लेकिन अब सख्त आदेश पर इन अतिक्रमणों को पूरी तरह से हटाने का निर्णय लिया गया है। इस महत्वपूर्ण कार्रवाई से अवैध कब्जाधारियों पर कड़ा संदेश जाएगा और शत्रु संपत्ति को सरकारी कब्जे में लेने का रास्ता साफ होगा।शुक्रवार को कस्टोडियन लखनऊ कार्यालय और एसडीएम दादरी अनुज नेहरा शाहबेरी गांव पहुंचे और शत्रु संपत्ति का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान, उन्होंने मौके पर उपस्थित लोगों को अवैध रूप से कब्जे की गई जमीन खाली करने के निर्देश दिए। एसडीएम ने कहा कि यह अभियान अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर लगाम लगाने के लिए किया जा रहा है, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत है।शत्रु संपत्ति का अधिग्रहण और अवैध निर्माण को हटाना राज्य सरकार के लिए एक बड़ी प्राथमिकता है, और प्रशासन इस कार्यवाही को निष्पक्ष और प्रभावी ढंग से अंजाम देगा। इस कार्यवाही से न केवल शत्रु संपत्ति को पुनः सरकारी कब्जे में लिया जाएगा, बल्कि यह उन सभी लोगों के लिए चेतावनी भी है जो अवैध रूप से सरकारी संपत्ति पर कब्जा कर रहे हैं।

शत्रु संपत्ति : एक संक्षिप्त परिचय

शत्रु संपत्ति (Enemy Property) वह संपत्ति होती है, जो उन व्यक्तियों की होती है जिन्होंने देश के विभाजन के समय या भारत के साथ युद्धरत देशों, जैसे कि पाकिस्तान या चीन, की नागरिकता ग्रहण कर ली है। 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 व 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, ऐसे व्यक्तियों की भारत में स्थित संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया था।

इन संपत्तियों का प्रबंधन “कस्टोडियन ऑफ एनेमी प्रॉपर्टी फॉर इंडिया” के अधीन किया जाता है, जो भारत सरकार द्वारा नियुक्त एक अधिकारी होता है। कस्टोडियन इन संपत्तियों का उपयोग, पुनर्वास, या नीलामी के माध्यम से सरकारी हितों के लिए करता है। 2017 में, भारत सरकार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 में संशोधन करते हुए स्पष्ट किया कि शत्रु संपत्ति पर कोई भी व्यक्ति, चाहे वह भारत में रह रहा उत्तराधिकारी ही क्यों न हो, कानूनी दावा नहीं कर सकता। शत्रु संपत्ति का यह अधिनियम देश की सुरक्षा और संप्रभुता को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दुश्मन देशों के नागरिकों या उनके उत्तराधिकारियों को भारत में कोई लाभ न मिले, और यह संपत्ति पूरी तरह से सरकारी नियंत्रण में रहे।