नोएडा अथॉरिटी की नई योजना : 5660 करोड़ रुपये कमाने का लक्ष्य


नोएडा :- नोएडा अथॉरिटी ने आगामी वर्ष में 5660 करोड़ रुपये की राजस्व वृद्धि की योजना बनाई है। इसके लिए अधिकारियों ने एक व्यापक रोडमैप तैयार किया है, जिसे जल्द ही कार्यान्वित किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत, अथॉरिटी जमीन के आवंटन के जरिए बड़े पैमाने पर आमदनी उत्पन्न करने की तैयारी कर रही है।

भूमि आवंटन का विस्तृत विवरण :

नोएडा अथॉरिटी के अनुसार, अगले एक वर्ष में कुल 3.35 लाख वर्गमीटर भूमि का आवंटन किया जाएगा। इसमें मुख्य रूप से कॉमर्शियल प्लॉट शामिल होंगे, जिन्हें बोली के माध्यम से आवंटित किया जाएगा। इससे अथॉरिटी को आरक्षित मूल्य से अधिक धन की प्राप्ति होने की संभावना है। इसके अलावा, कुछ भूमि का आवंटन होटल निर्माण के लिए भी किया जाएगा, जिससे विश्वस्तरीय होटल निवेशकों को आकर्षित किया जा सके।

होटल के लिए भूमि आवंटन :

अथॉरिटी ने होटल निर्माण के लिए 42,790 वर्गमीटर की जमीन आवंटित करने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत छह प्लॉट होंगे, जो नोएडा के सेक्टर-93बी, 105, 135 और 142 में स्थित होंगे। इन प्लॉटों के आवंटन से अथॉरिटी को लगभग 782 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। इससे न केवल शहर की अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

कॉमर्शियल प्लॉट्स का आवंटन :

इसके अतिरिक्त, नोएडा अथॉरिटी कॉमर्शियल उपयोग के लिए 20,000 वर्गमीटर से अधिक के आठ बड़े प्लॉट्स का आवंटन करने की योजना बना रही है। इन प्लॉट का कुल क्षेत्रफल 2 लाख 15 हजार 42 वर्गमीटर होगा, और ये सेक्टर-62, 96, 97, 98 और 105 में स्थित होंगे। इन प्लॉट्स से अथॉरिटी को 4058 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की संभावना है।

रेजिडेंशियल प्लॉट्स का आवंटन :

कॉमर्शियल और होटल योजनाओं के अतिरिक्त, नोएडा अथॉरिटी रेजिडेंशियल कैटेगरी में भी 13,559.34 वर्गमीटर भूमि का आवंटन करने की तैयारी में है। इसके अंतर्गत 50 प्लॉट्स की योजना बनाई गई है, जो सेक्टर-151, 122, 43, 105, 99, 44, 53, 61, 41, 48, 51, और 72 में स्थित होंगे। इससे अथॉरिटी को 129 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।

इंस्टीट्यूशनल कैटेगरी के तहत प्लॉट्स :

अथॉरिटी ने डेटा सेंटर के लिए इंस्टीट्यूशनल कैटेगरी के तहत 29,114 वर्गमीटर के दो प्लॉट्स भी आवंटित करने की योजना बनाई है। ये प्लॉट्स सेक्टर-154 में होंगे और इससे अथॉरिटी को 83 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। डेटा सेंटरों का विकास नोएडा को तकनीकी केंद्र के रूप में उभारने में मदद करेगा।

नोएडा अथॉरिटी की यह योजना न केवल शहर के विकास को गति देगी, बल्कि निवेशकों को भी आकर्षित करेगी।