सावधान ! दांतों की समस्याओं का समय पर इलाज जरूरी, वरना बढ़ सकती हैं बीमारियाँ


:- दांतों का रख-रखाव क्यों है जरूरी ? जानें डॉ. गीतिमा खन्ना से

नोएडा :- आजकल लोग अपने शौक और खाने-पीने पर तो खुलकर खर्च करते हैं, लेकिन शरीर के स्वास्थ्य का अहम हिस्सा माने जाने वाले दांतों की देखभाल को नजरअंदाज कर देते हैं। केवल अनपढ़ और ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि शहरी और शिक्षित लोगों में भी दांतों की देखभाल के प्रति लापरवाही देखने को मिलती है। अगर दांतों की नियमित देखभाल की जाए और समय-समय पर दंत चिकित्सक की सलाह ली जाए, तो दांतों से जुड़ी कोई समस्या नहीं होगी। यह कहना है वरिष्ठ दंत रोग विशेषज्ञ डा. गीतिमा खन्ना का, जो नोएडा के सेक्टर-40 में अपना क्लीनिक चलाती हैं।

एमडीएस और पेडियाट्रिक डेंटिस्ट की डिग्री प्राप्त डा. खन्ना का मानना है कि छोटे बच्चों को टूथपेस्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 4-5 साल तक के बच्चों के लिए साधारण पानी से कुल्ला कराना ही पर्याप्त होता है, ताकि उनके दांतों में दूध और अन्य खाद्य पदार्थ जमा न हो सकें, जो बैक्टीरिया पैदा कर सकते हैं।

डा. खन्ना ने सलाह दी कि रात में खाना खाने के बाद और सुबह उठकर दांतों की सफाई जरूर करें। इसके अलावा, हर भोजन के बाद कुल्ला करना चाहिए, जिससे मुंह में फंसे खाद्य कण बाहर निकल जाएं।

फ्लोराइड युक्त पेस्ट के चयन पर सलाह: सीमित मात्रा है फायदेमंद, अधिकता हानिकारक

जब उनसे पेस्ट के चयन के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि बाजार में उपलब्ध अधिकांश पेस्ट ठीक हैं, लेकिन ज्यादा फ्लोराइड वाले पेस्ट से बचना चाहिए। फ्लोराइड सीमित मात्रा में दांतों के लिए फायदेमंद होता है, परंतु अत्यधिक फ्लोराइड शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

दांतों के दाग मिटाने के लिए की जाने वाली सफाई के बारे में डा. खन्ना का कहना है कि इससे दांतों का एनेमल हट सकता है, जिसे कोई भी दवाई दोबारा नहीं बना सकती। एनेमल हटने से ठंडा या गर्म पानी पीने पर दांतों में टीस या संवेदनशीलता की समस्या हो सकती है।

डा. गीतिमा खन्ना की सलाह है कि दांतों में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत कुशल दंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। दांतों की समस्या को हल्के में लेना गंभीर परिणाम दे सकता है।