ग्रेड सेकंड टीचर भर्ती में नियुक्ति के नाम पर धोखाधड़ी

राजस्थान लोक सेवा आयोग में अधिकारी को बताया परिचित, टीचर सहित पांच से लाखों रुपए ऐंठे

अजमेर।

राजस्थान लोक सेवा आयोग की ग्रेड सेकंड टीचर भर्ती परीक्षा में नियुक्ति दिलाने के नाम पर टीचर से धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। धोखाधड़ी करने वाला भी एक टीचर है। उसने राजस्थान लोक सेवा आयोग में अधिकारी को अपना परिचित बताकर 38 लाख 87 हजार रुपए हड़प लिए।
टीचर से एक कैंडिडेट को नौकरी लगवाने के नाम पर 8 लाख की डिमांड की थी। झांसे में आकर पीडि़त टीचर ने अपने दोस्त और रिश्तेदारों को भी मिला लिया। सभी ने ठग को रुपए दिए। रुपए देने के बाद भी नियुक्ति नहीं दिलवाई और आगरा भाग गया। आरोपी अजमेर में अपनी बहन के घर रहता था। पीडि़त ने अजमेर के क्लॉक टावर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है।

एसएचओ ने बताया-

मलूसर रोड के रहने वाले नरेंद्र पाल ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। रिपोर्ट में बताया- वह बीएड की पढ़ाई कर चुका है। 2021 में न्यू मॉडल सेकेंडरी स्कूल में नौकरी के लिए गया था। वहां स्कूल के टीचर भानू प्रताप सिंह (36) पुत्र खेन्द्रपाल सिंह से मुलाकात हुई थी। वह अजमेर में पीडब्ल्यूडीजी-28 के पीछे मीरशाह अली जयपुर रोड पर अपनी बहन के मकान में रहता था। उसके झांसे में आकर रुपए गंवा दिए। अब 2 महीने से फोन तक नहीं उठा रहा। बहन का घर भी बंद है।

पीडि़त टीचर ने बताया- आरोपी से अच्छी जान-पहचान हो गई थी। वह अपनी बहन के घर रहता था। आरोपी उसके घर भी आने-जाने लगा था। अगस्त 2021 घर आया। तब पिता और छोटे भाई भी घर पर थे। आरोपी ने कहा- उसका एक अधिकारी आरपीएससी में तैनात है। साल 2018 सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा की जो भर्ती निकली थी, उसमें कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी गई है। एक वेटिंग लिस्ट अभी बाकी है।
अगर किसी ने बीएड कर रखी है तो उसका सिलेक्शन करवा देगा। एक अभ्यर्थी के करीब 8 लाख रुपए देने होंगे। इसके बाद वह उसका नाम वेटिंग लिस्ट में जुड़वा देगा। आरोपी ने पहले भी कई अभ्यर्थियों को आरपीएससी की परीक्षा में सिलेक्शन करवाने की बात कही थी। जिससे वह झांसे में आ गया।

पीडि़त टीचर ने बताया- उसके दोस्त हरिवंश सिंह की पत्नी , हर्ष चौहान की बहन और रोशन व भेरुजी के मिलने वाले बीएड होल्डर रहे थे। सभी को आरोपी से मिलवाया था। इसके बाद सभी के परिवार ने तय किया कि कुछ रुपए दे देंगे और कुछ रुपए बाद में देंगे। तब आरोपी ने कहा कि अधिकारी ने पैसे की मांग की है, जितना जल्दी हो सकें, पैसे दे दो।
इसके बाद आरोपी को नवंबर 2021 से अगस्त 2023 तक ऑनलाइन, बैंक, कैश के जरिए लगभग 38 लाख 87 हजार रुपए दे दिए। पीडि़त ने बताया कि संपूर्ण राशि उसने अधिकतर अपने साथी जो नौकरी लगना चाहते थे और कुछ राशि अपने परिवार व मिलने वालों से मिलकर आरोपी को भेजी थी।


रुपए देने के बाद आरोपी को नौकरी लगवाने का तकाजा किया। इस पर उसने कहा- चिंता मत करो लिस्ट जल्दी ही निकलने वाली है, आप लोगों का नाम लिस्ट में आ जाएगा। उसने कहा- 1 साल के अंदर 2018 सेकंड ग्रेड की वेटिंग लिस्ट आने वाली है, उसमें आप अभ्यर्थियों के नाम आ जाएंगे।

पीडि़त ने बताया- अगस्त 2023 के बाद लिस्ट में नाम नहीं आने पर जब आरोपी से रुपए मांगे। तब उसने कहा कि दो-तीन महीने में वह पैसे लौटा देगा। करीब 2 महीने से आरोपी अब फोन नहीं उठा रहा है। वह अपना घर छोडक़र भी आगरा चला गया। क्लॉक टावर थाना पुलिस ने पीडि़त टीचर की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।