नोएडा। बिसरख पुलिस, सीआरटी और स्वाट 2 टीम ने मोबाइल टावरों से कीमती उपकरण चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। उनकी निशानदेही पर करीब 80 लाख रुपये कीमत के चोरी के उपकरण बरामद किए गए हैं। गिरोह के सदस्य चोरी के उपकरण दिल्ली में बेचते थे।
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मोबाइल टावरों से कीमती उपकरण चोरी होने की शिकायतें मिल रही थीं। बिसरख क्षेत्र में भी कई मोबाइल टावरों से उपकरण चोरी हुए थे। इन मामलों में मोबाइल कंपनी की ओर से केस दर्ज कराए गए थे। इसके बाद पुलिस टीम गिरोह की तलाश में जुटी थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मोबाइल टावरों से उपकरण चोरी करने वाले गिरोह के चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए बदमाशों की पहचान दिल्ली निवासी मोहम्मद आजाद, आकाश कुमार और जहीरुद्दीन तथा शामली निवासी रिहान के रूप में हुई। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने 10 रेडियो रिसीवर यूनिट, एक लाल रंग का टूल बॉक्स, तीन पेन और 4500 रुपये बरामद किए हैं। पुलिस गिरोह में शामिल अन्य बदमाशों की तलाश कर रही है।
चीन और रूस भेजे जा रहे चोरी के आरआरयू
मोबाइल टावरों से कीमती उपकरण रेडियो रिसीवर यूनिट (आरआरयू) चुराने वाला एक गिरोह दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय है। इस गिरोह के तार विदेशों से जुड़े हैं। डीसीपी के मुताबिक, मोबाइल टावरों से चोरी किए गए आरआरयू दिल्ली से चीन और रूस भेजे जा रहे हैं। पुलिस का दावा है कि आरआरयू मोबाइल टावर में सबसे कीमती उपकरण होता है। इसी के चलते इसे चुराकर विदेश भेजने के लिए एक बड़ा गिरोह सक्रिय है। एक नए आरआरयू की कीमत आठ से दस लाख रुपये बताई जा रही है। चोरी किए गए आरआरयू को पहले दिल्ली में बेचा जाता है। इसके बाद इन्हें विदेश भेजा जाता है। पुराने आरआरयू को दो से ढाई लाख रुपये में बेचा जाता है। पुलिस इस गिरोह के बारे में जानकारी जुटा रही है।
रेकी करने के बाद देते थे वारदात को अंजाम
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी दिन में रेकी करते थे। इसके बाद रात में मौका पाकर ऑटो, स्कूटी और बाइक आदि से घूमकर मोबाइल टावरों से उपकरण चोरी करते थे। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि चोरी के उपकरण बेचने के बाद मिलने वाले पैसे को वे आपस में बांट लेते थे।
आबादी से दूर लगे टावर होते थे टारगेट
पुलिस के मुताबिक सुनसान इलाकों में लगे मोबाइल टावर इस गिरोह के टारगेट पर होते थे। इन इलाकों में लोगों की ज्यादा आवाजाही नहीं होती। इस वजह से वे आसानी से इन उपकरणों को चुरा लेते थे। पुलिस के मुताबिक आरोपी उपकरण चुराने के लिए पूरा टूलकिट लेकर चलते थे। इसके बाद वे टावर पर चढ़कर चाबी से उसे खोलकर नीचे उतार देते थे।