इंडियन सोसाइटी ऑफ एनस्थेसियोलॉजिस्ट यूपी चैप्टर के नए अध्यक्ष बने डॉ. कपिल सिंघल।

✍️ योगेश राणा


नोएडा :- चिकित्सा के क्षेत्र में एनेस्थेसिया पर 22 वर्षों की कड़ी मेहनत और अनुसंधान के बाद, डॉ. कपिल सिंघल को इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट यूपी स्टेट चैप्टर के अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। यह घोषणा 26 से 27 अक्टूबर तक ओरछा में आयोजित एनेस्थेसिया के 46वें उत्तर प्रदेश राज्य सम्मेलन में की गई। अपने करियर में एनेस्थेसिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले डॉ. सिंघल का मानना है कि यह जिम्मेदारी उन्हें राज्य में एनेस्थेसिया क्षेत्र को और बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करेगी।

एनेस्थेसिया जांच की जरूरत पर दिया जोर

डॉ. कपिल सिंघल ने सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान कहा कि उन्होंने 22 वर्षों की रिसर्च और अनुभव के आधार पर यह देखा है कि ऑपरेशन कराने से पहले एनेस्थेसिया चेकअप (प्री-एनेस्थेटिक चेकअप या पीएसी) कराना बेहद आवश्यक है। आमतौर पर देखा गया है कि मरीज ऑपरेशन से पहले यह जांच नहीं कराते, जिससे उन्हें बाद में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। डॉ. सिंघल ने बताया कि अधिकतर मरीजों में सांस, दिल की बीमारी, खून की कमी और मधुमेह जैसी समस्याएं होती हैं, जो पीएसी जांच के दौरान ही सामने आती हैं।इस जांच के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डॉ. सिंघल ने कहा कि पीएसी के जरिए मरीज की स्थिति का सही आकलन किया जा सकता है। ऐसे मरीजों का ऑपरेशन करने से पहले उनकी स्थिति को फिट किया जाता है, जिससे ऑपरेशन के दौरान संभावित जोखिमों को कम किया जा सके। उनकी मान्यता है कि इस जांच को नियमित करने से थिएटर में होने वाली मौतों को 50-60 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

डाक्टर कपिल सिंघल ने आम नागरिकों को भी आना चाहिए स्वास्थ्य संबंधी जुड़े छोटे छोटे टिप्स

डॉ. कपिल सिंघल का मानना है कि आम नागरिकों में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता बढ़ाना जरूरी है, ताकि वे छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं को समय रहते पहचान सकें और उचित उपचार ले सकें। इस दिशा में डॉ. सिंघल ने प्रदेश में स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं, जिनके जरिए नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

डॉ. सिंघल का एक अन्य महत्वपूर्ण योगदान सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में, विशेष रूप से युवाओं में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सीपीआर का प्रशिक्षण प्रत्येक नागरिक के लिए आवश्यक है ताकि किसी आपात स्थिति में मरीज को प्राथमिक उपचार दिया जा सके। डॉ. सिंघल का मानना है कि यदि सीपीआर का व्यापक प्रशिक्षण दिया जाए, तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कई प्रशिक्षण शिविर और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए हैं ताकि लोगों को इस महत्वपूर्ण जीवनरक्षक तकनीक के बारे में जानकारी मिल सके।

आने वाले समय में नए कार्यक्रमों की योजना

पद पर नियुक्त होने के बाद, डॉ. सिंघल ने कहा कि वे उत्तर प्रदेश में एनेस्थेसिया के क्षेत्र में और सुधार लाने के लिए कुछ नए कार्यक्रमों की योजना बना रहे हैं। इनमें डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के लिए उन्नत प्रशिक्षण और अस्पतालों में एनेस्थेसिया से संबंधित प्रक्रियाओं को सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए नई तकनीकों का समावेश शामिल है।

डॉ. सिंघल ने अपनी इस नियुक्ति को स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि वे इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट यूपी चैप्टर के माध्यम से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की पूरी कोशिश करेंगे।