:- गृह मंत्रालय और यूपी सरकार से सुरक्षा की मांग
:- दिल्ली पुलिस ने दो बदमाशों को किया गिरफ्तार
नोएडा :- दिल्ली पुलिस ने हाल ही में दो कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान इन बदमाशों ने खुलासा किया कि उनकी योजना पूर्व सांसद और व्यवसायी डीपी यादव की हत्या करने की थी। पुलिस को इस साजिश की जानकारी मिलते ही उन्होंने तत्परता से इस मामले पर कार्यवाही करते हुए बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस के एक सहायक आयुक्त की टीम द्वारा की गई है। पुलिस की इस कार्रवाई से अपराधियों के मंसूबों पर पानी फिर गया है।
डीपी यादव ने गृह मंत्रालय और यूपी सरकार से की सुरक्षा की मांग
इस साजिश की जानकारी के बाद डीपी यादव ने अपनी सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर विशेष सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है। डीपी यादव का कहना है कि यह मामला अत्यंत गंभीर है, क्योंकि अपराधी किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती की मांग की है, ताकि उनकी जान को कोई खतरा न हो।
दिल्ली पुलिस ने दी डीपी यादव को साजिश की जानकारी
डीपी यादव ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने ही उन्हें इस साजिश के बारे में चेतावनी दी है। पुलिस ने उनसे साझा किया कि पूछताछ के दौरान अपराधियों ने खुलासा किया कि उनकी योजना डीपी यादव की हत्या करने की थी। पुलिस के इस इनपुट के बाद यादव ने तुरंत केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर इस मामले की गंभीरता को समझाते हुए सुरक्षा की मांग की। उन्होंने कहा कि पुलिस की तत्परता ने उनकी जान को खतरे से बचाया है, और अब उनकी सुरक्षा के लिए और ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
यूपी के चर्चित नेता डीपी यादव: राजनैतिक और व्यावसायिक क्षेत्र में प्रमुख नाम
डीपी यादव उत्तर प्रदेश के राजनीति में एक चर्चित नाम हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के साथ-साथ व्यापारिक क्षेत्र में भी एक मजबूत पहचान बनाई है। वह नोएडा के सरफाबाद क्षेत्र के मूल निवासी हैं, और वर्तमान में गाजियाबाद के राजनगर में रहते हैं। डीपी यादव की छवि एक प्रतिष्ठित नेता के रूप में है, जिन्होंने वर्षों से राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई है।हाल ही में, डीपी यादव के नाम पर चल रहे एक चर्चित मामले में पहले हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें दोषमुक्त करार दिया था। इस फैसले से उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई थी, और उन्होंने इसे न्याय की जीत बताया था।