नोएडा,
यमुना प्राधिकरण में शामिल हो चुके 55 गांवों के पंचायत घर पुस्तकालय में तब्दील होंगे। जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह के प्रस्ताव को यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा. अरुणवीर सिंह ने अपनी स्वीकृति दे दी है। पंचायत घरों को पुस्तकालय बनाने से प्राधिकरण के करोड़ों रुपये की बचत होगी। वहीं कम समय में ग्रामीणों को पुस्तकालय की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। पुस्तकालय में ई पुस्तक से लेकर वाइफाइ की सुविधा भी उपलब्ध होगी। यमुना प्राधिकरण अपने अधिसूचित गांवों में ग्रामीणों की मांग पर पुस्तकालय का निर्माण करा रहा है।
इसमें भवन निर्माण से लेकर फर्नीचर, एसी, कंप्यूटर, वाइफाई, समाचार पत्र, पुस्तक व ई पुस्तक की सुविधा दी जा रही है। प्राधिकरण सीईओ ने 15 अगस्त को डूंगरपुर रीलखा गांव में पुस्तकालय का लोकार्पण किया था। इसके साथ पहले फेज के सभी 96 गांवों में पुस्तकालय बनाने की घोषणा की थी। जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने 55 गांवों में पंचायत घरों का सर्वे कराने के बाद इन्हें पुस्तकालय बनाने का प्रस्ताव दिया, इसे प्राधिकरण ने स्वीकार कर लिया। पंचायती राज व्यवस्था समाप्त होने के बाद गांवों में पंचायत घर का खास उपयोग नहीं रह गया है
अनुपयोगी होने व देखरेख के अभाव में पंचायत घर खंडहर में बदलने लगे हैं। सर्वे में सामने आया है कि पंचायत घर में मामूली मरम्मत कार्य कराने के बाद उन्हें पुस्तकालय के तौर पर उपयोग में लाया जा सकता है। इन पंचायत घरों में खड़की, फर्श, छत, दरवाजे, बिजली की वायरिंग आदि की मरम्मत की जरूरत है। पुस्तकालय के लिए नया भवन बनाने पर होने वाला खर्च बचने के साथ ही इसके लिए जमीन तलाशने की समस्या का भी सामना नहीं कर करना पड़ेगा। डा. अरुणवीर सिंह का कहना है
कि जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने 55 गांव की सूची सौंपकर गांव के पंचायत घरों को पुस्तकालय बनाने का प्रस्ताव दिया है। प्राधिकरण इसके लिए सहमत है। जल्द ही इन गांवों में पंचायत घरों को पुस्तकालय बनाने का काम शुरू किया जाएगा। कंप्यूटर, वाइफाइ, फर्नीचर, पुस्तक, ई पुस्तक, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए पाठ्य पुस्तक, समाचार पत्र, पुस्तकालय की देखरेख के लिए कर्मचारी मकनपुर बांगर, निलोनी शाहपुर, चक, कादलपुर, खेरली, गढ़ाना, पारसौल, ठसराना, मूंजखेड़ा, सलारपुर, डेरीन गुजरान, बल्लू खेड़ा, लतीफपुर, आदि गांव शामिल हैं।