अच्छी खबर : नोएडा में लीजिए दक्षिण भारत के स्वाद का मजा


:- बैंगलोर के मसालों से बनते हैं यहां दक्षिण भारतीय व्यंजन


नोएडा :- अपने मसालों और अतिथि सत्कार के पारम्परिक तौर तरीकों के लिए दक्षिण भारत पूरे विश्व में जाना जाता है। लगभग तीन दर्जन मसालों को घरेलू नुस्खों से बनाना और विभिन्न व्यंजनों में इस्तेमाल कर उन्हें केले के पत्तों पर खाने का आनंन्द ही अलग होता है। अब ऐसे स्वाद और सत्कार के लिए अब नोएडावासियों को दक्षिण भारत जाने की शायद ही ज़रूरत पड़े,क्योंकि नोएडा के हाजीपुर के पास सेक्टर 104 में अतिथ्यम नाम से शुरू किए गए दक्षिण भारतीय रेस्त्रां का दावा है कि यहां न सिर्फ दक्षिण भारतीय व्यंजनों की परंपरागत श्रंखला मिलती है,बल्कि उन्हें तैयार करने के लिए विशेष मसाले भी दक्षिण भारत के विभिन्न क्षेत्रों से मंगाए जाते हैं।

मनीष श्रीवास्तव ने बताया


रेस्तरां के संचालक मनीष श्रीवास्तव बताते हैं कि हमारे यहाँ एंटीरियर और माहौल पूरी तरह दक्षिण भारतीय संस्कृति से प्रेरित है। यहां तक कि यहां भोजन हरे भरे केले के पत्तों पर परोसा जाता है। यहां सबसे ताजा और सबसे ताज़ी सामग्री ऐसा भोजन बनाती है जो उसके मूल अस्तित्व में रहते हुए स्वादिष्ट और सुपाच्य हो। हम विविध स्वाद बनाने के लिए प्रतिदिन मसालों और जड़ी-बूटियों को मिलाते हैं, भूनते हैं और पीसते हैं। जो चीज हमें अन्य से अलग करती है। हमारी रसोई में घी सहित हर मसाला स्थानीय रूप से बैंगलोर से प्राप्त किया जाता है,जो ग्राहकों को प्रामाणिक अनुभव में जोड़ता है। इतना ही नहीं हमारे शेफ (रसोइयों) की टीम दक्षिण भारतीय राज्यों की मूल निवासी है और अपने साथ पारंपरिक दक्षिण भारतीय खाना पकाने की एक समृद्ध व्यक्तिगत विरासत लेकर आई है ,जो स्वाद को संतुलित करने की कला में निपुण हैं। जिन्होंने अपनी खुद की पाक संस्कृतियों से अपनी मां, दादी और परिवारों द्वारा पकाए गए खाद्य पदार्थों के लिए प्रेरणा ली है, ताकि एक हस्ताक्षर शैली विकसित की जा सके। इनके पौराणिक और स्थानीय व्यंजनो को भी हमारे मेनू में जगह मिली है।

अतिथ्यम के बारे में


बिहार राज्य में जन्मे और पले-बढ़े और एनएसएचएम के पूर्व छात्र मनीष श्रीवास्तव ने 2011 में होटल प्रबंधन और खानपान प्रौद्योगिकी में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। क्लार्क के होटलों के समूह में एक प्रशिक्षु के रूप में अपना करियर शुरू किया। उनके होनहार करियर के दौरान आईटीसी, रैडिसन ब्लू, द अशोक, द चांसरी जैसे कई टॉप रेटेड होटल उद्योग देखे गए। भोजन के उनके शौक ने उन्हें होटल उद्योगों के बाद रेस्तरां की विविध दुनिया का पता लगाने के लिए प्रेरित किया। मनीष ने खाद्य उद्योग के हर पहलू का पता लगाया और दिल्ली-एनसीआर में लगभग सभी मांग वाली रेस्तरां श्रृंखलाओं में काम किया और आज अतिथ्यम के साथ नोएडा के सेक्टर 104 में लोगों को दक्षिण भारतीय संस्कृति और स्वाद से रूबरू कर रहे हैं। मनीष कहते हैं कि आतिथ्यम

(“अतिथि देवो भव”)
जिसका अर्थ है अतिथि भगवान है। आतिथ्यम, एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है अपने मेहमानों के साथ सम्मान का व्यवहार करना। हम अपने संरक्षकों को अपना भगवान मानते हैं।

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