Two AAP MLAs convicted, punishment will be announced on 21 : आप के दो विधायक दोषी करार,21 को होगा सजा का ऐलान

सात साल पुराने मामले में 15 और भी शामिल

 नई दिल्ली:- दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी के दो विधायकों सहित 15 अन्य लोगों को सात साल पुराने एक मामले में दोषी करार दे दिया है। अब 21 सितंबर को सजा सुनाई जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार आप विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी और संजीव झा को 2015 में उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी थाने में पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाली भीड़ का हिस्सा होने का दोषी ठहराया है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) वैभव मेहता ने दंगा करने और पुलिस थाने में पुलिसकर्मियों को नुकसान पहुंचाने के मामले में 15 अन्य लोगों को भी दोषी ठहराया है। अब अदालत 21 सितंबर को सजा के संबंध में सुनवाई करेगी, जहां उन्हें अधिकतम तीन साल की जेल हो सकती है। न्यायाधीश ने सात सितंबर को पारित 149 पन्नों के आदेश में कहा कि इस अदालत का विचार है कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे साबित करने में सक्षम रहा है कि आरोपी व्यक्ति संजीव झा और अखिलेश पति त्रिपाठी गैरकानूनी सभा का हिस्सा थे और भीड़ का हिस्सा थे तथा उन्होंने नारेबाजी की थी और भीड़ को उकसाया था, और उन्हें हिंसक होने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने (भीड़ ने) पथराव किया, जिससे कुछ पुलिस अधिकारियों को चोटें आईं। साथ ही साथ न्यायाधीश ने यह भी माना कि दोनों विधायक गैरकानूनी सभा का भी हिस्सा थे, जिसने पुलिस अधिकारियों को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोक दिया था। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, घटना 20 फरवरी 2015 की रात की है, जब बुराड़ी थाने में भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। भीड़ दो लोगों को उसके सुपुर्द करने की मांग कर रही थी, जिन्हें गिरफ्तार कर थाने लाया गया था। भीड़ कथित तौर पर उनकी पिटाई करना चाहती थी।

ये हैं अन्य आरोपी:

विधायकों के अलावा अदालत ने बलराम झा, श्याम गोपाल गुप्ता, किशोर कुमार, ललित मिश्रा, जगदीश चंद्र जोशी, नरेंद्र सिंह रावत, नीरज पाठक, राजू मलिक, अशोक कुमार, रवि प्रकाश झा, इस्माइल इस्लाम, मनोज कुमार, विजय प्रताप सिंह, हीरा देवी और यशवंत को भी दोषी ठहराया।

10 आरोपी हुए बरी:

अभियोजक ने अदालत को बताया कि पुलिस ने भीड़ को शांत करने की कोशिश की, लेकिन विधायक भीड़ में शामिल हो गए और उन पर हमला किया और पथराव किया। अदालत ने हालांकि मामले में 10 आरोपियों को बरी भी कर दिया।