अनिल छिकारा, सेवानिवृत्त डिप्टी कमिश्नर, दिल्ली ट्रांसपोर्ट

नई दिल्ली

कारपोरेशन कहते हैं कि उम्र पूरी कर चुकी बसें आए दिन सड़कों पर खराब हो जाती हैं। ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानी होती है। एसी काम नहीं करता है। भीषण गर्मी में सफर करना पड़ता है। वर्तमान स्थिति की बात करें तो दिल्ली की सड़कों पर सीएनजी बसों की कुल फ्लीट की 20 प्रतिशत बसें रोज सड़कों पर खराब यानी ब्रेक डाउन हो रही हैं। टेक्नोलाजी के चलते एक्सपायर हो चुकी बसों के ब्रेकिंग सिस्टम बहुत अच्छे हैं। सीएनजी बसों में इलेक्ट्रिकल सिस्टम की मियाद खत्म हो चुकी है। पेंच वर्क और रिपेयर करके चल रही हैं। फ्लोर, सीट, खिड़कियां, सिग्नल्स खराब हैं। सीएनजी की बसों के अंदर मकैनिकल ब्रेकडाउन 10 से 15 प्रतिशत और बाकी इलेक्ट्रिकल और मकैनिकल कारण से ब्रेक डाउन हो रहा है।
वहीं दिल्ली ट्रांसपोर्ट कारोपेशन के मैनेजर ट्रैफिक एके राव का कहना है कि सीएनजी की ओवरएज हो चुकी बसों को 2025 तक विशेष अनुमति लेकर चलाया जा रहा है। बसों के ब्रेकडाउन की समस्या है। जो भी बसें खराब होती हैं, उन्हें मौके पर मकैनिक भेजकर ठीक कराया जाता है। यात्रियों को दूसरी बसों में भेजा जाता है, नई इलेक्ट्रिक बसें आ रही हैं। नई बसें जैसे-जैसे आ रही हैं, पुरानी बसों को रीप्लेस किया जा रहा है, जिससे समस्या को खत्म किया जा सके।