डॉक्टरों की हड़ताल: एम्स में नहीं बन रहे नए ओपीडी कार्ड


नई दिल्ली।
पश्चिम बंगाल के अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के बाद देश भर के डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं। दिल्ली के एम्स और सफदरजंग समेत कई सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर भी हड़ताल पर हैं। डॉक्टर पिछले कई दिनों से एम्स में जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं और सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं।
दिल्ली एम्स और सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल का असर अब मरीज और उनके तीमारदारों पर देखने को मिल रहा है। हालांकि एम्स और सफदरजंग अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं और ओपीडी सेवाएं सुचारू हैं। लेकिन आरडीए डॉक्टर्स की हड़ताल से ओपीडी अपनी पूरी क्षमता के साथ नहीं चल पा रही है। डॉक्टर की हड़ताल को लगभग एक सप्ताह बीत चुका है। जिससे मरीजों को अब काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दूर-दराज के राज्यों से अस्पताल में इलाज कराने आए लोगों को सबसे अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
एम्स अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों ने कहा कि अस्पताल में नए ओपीडी कार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं। जिनके पास अपॉइंटमेंट और पुराना ओपीडी कार्ड है उनका ही इलाज किया जा रहा है। कुछ लोगों ने बताया कि कई सारी ऐसी जांच है जो एम्स अस्पताल के अंदर नहीं की जा रही हैं। पूछने पर बताया जा रहा है कि डॉक्टरों की हड़ताल के चलते अभी नई ओपीडी कार्ड और जांच संभव नहीं है। डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने के बाद ही जांच और नई ओपीडी कार्ड बनाए जाएंगे।