अब इसरो अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट टटोलेगा धरती की नब्ज़


नई दिल्ली।
भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (ईओएस-08) और स्टार्टअप कंपनी स्पेस रिक्शा के एसआर-0 सैटेलाइट को लेकर जाने वाले भारत के छोटे प्रक्षेपण यान एसएसएलवी को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। लॉन्चिंग शुक्रवार सुबह 9 बजकर 17 मिनट पर हुई। यह विकास के चरण में एसएसएलवी की तीसरी और अंतिम उड़ान है। इसके बाद रॉकेट पूर्ण परिचालन मोड में आ जाएगा।
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार सुबह लगभग 9 बजकर 17 मिनट पर 500 किलोग्राम की वहन क्षमता वाले एसएसएलवी ने 175.5 किलोग्राम वजन वाले माइक्रोसैटेलाइट ईओएस-08 को लेकर उड़ान भरी। सैटेलाइट का जीवनकाल एक साल तय किया गया है। इसरो के अनुसार, प्रस्तावित मिशन एसएसएलवी विकास परियोजना को पूरा करेगा। इसके बाद इसका इस्तेमाल भारतीय उद्योग और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के मिशनों के लिए किया जाएगा।

एसएसएलवी रॉकेट मिनी, माइक्रो या नैनो उपग्रहों (10 से 500 किलोग्राम द्रव्यमान) को 500 किमी की कक्षा में लॉन्च करने में सक्षम है। रॉकेट के तीन चरण ठोस ईंधन द्वारा संचालित होते हैं जबकि अंतिम वेलोसिटी ट्रिमिंग मॉड्यूल (वीटीएम) में तरल ईंधन का इस्तेमाल होता है। उड़ान भरने के ठीक 13 मिनट बाद रॉकेट ईओएस-08 को उसकी कक्षा में छोड़ेगा और लगभग तीन मिनट बाद एसआर-0 अलग हो जाएगा। दोनों सैटेलाइट 475 किमी की ऊंचाई पर रॉकेट से अलग होंगे।
अभी छः और सैटेलाइट होंगे तैयार:
स्पेस स्टार्टअप कंपनी का पहला सैटेलाइट
चेन्नई स्थित अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्टअप स्पेस रिक्शा के लिए एसआर-0 उसका पहला सैटेलाइट होगा। स्पेस रिक्शा की सह-संस्थापक और स्पेस किड्ज इंडिया की संस्थापक-सीईओ केसन ने बताया कि “हम छह और सैटेलाइट बनाएंगे”।