नोएडा,
दादरी, नोएडा और गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (डीएनजीआईआर) न्यू नोएडा के लिए 80 गांवों की जमीन अधिग्रहण करने के लिए सोमवार को नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड रूम में सीईओ लोकेश एम की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में चर्चा हुई कि डीएनजीआईआर के मास्टर प्लान 2041 को कैबिनेट ने 18 अक्टूबर 2024 को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अधिसूचित क्षेत्र में कोई भी निर्माण कार्य अवैध माना जाएगा। अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ प्राधिकरण सख्त से सख्त कार्रवाई करेगा।
नोएडा सीईओ लोकेश एम की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि डीएनजीआईआर क्षेत्र 29 अगस्त 2017 को अधिसूचित किया गया था और डीएनजीआईआर के मास्टर प्लान 2041 को कैबिनेट ने 18 अक्टूबर 2024 को मंजूरी दे दी है। अधिसूचित क्षेत्र में जिला गौतमबुद्ध नगर और जिला बुलंदशहर के कुल 80 गांव हैं। इस क्षेत्र का विकास वर्ष 2041 तक 4 चरणों में किया जाना प्रस्तावित है, जिसमें प्रथम चरण में 3165 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2027 तक पूरा किया जाना है। इसके अलावा, दूसरे चरण में 3798 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2032 तक, तीसरे चरण में 5908 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2037 तक तथा चौथे चरण में 8230 हेक्टेयर भूमि का विकास वर्ष 2041 तक करने का लक्ष्य रखा गया है। सीईओ ने अधिकारियों को बताया कि 26 अक्टूबर 2024 को आयोजित नोएडा प्राधिकरण की 215वीं बोर्ड बैठक में निदेशक मंडल ने दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (डीएनजीआईआर) में भूमि अधिग्रहण जल्द शुरू करने के निर्देश दिए थे। इस संबंध में क्षेत्र के विकास के लिए जल्द से जल्द रूपरेखा तैयार की जाए। सीईओ को अधिकारियों ने बताया कि 18 अक्टूबर 2024 से न्यू नोएडा क्षेत्र की सैटेलाइट इमेज खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। इसके साथ ही क्षेत्र का स्थानीय सर्वेक्षण के साथ हवाई फोटो लेने का कार्य भी प्राथमिकता पर शुरू कर दिया गया है। बैठक में सीईओ ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आम जनता को इस बात से अवगत कराएं कि 18 अक्टूबर 2024 के बाद कोई भी निर्माण कार्य वैध नहीं है,
जब कैबिनेट ने डीएनजीआईआर के मास्टर प्लान 2041 को मंजूरी दे दी है। अगर किसी के द्वारा कोई निर्माण कार्य किया जाता है तो वह अवैध होगा और प्राधिकरण उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। इसके अलावा प्राधिकरण ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के किनारे उपयुक्त स्थान देखकर अस्थायी कार्यालय बनाए। जहां भूलेख और सिविल विभाग के अधिकारी और कर्मचारी नियमित रूप से काम करेंगे। सीईओ ने कहा कि इसके साथ ही समय पर काम पूरा करने के लिए शासन से अतिरिक्त स्टाफ की मांग की जाएगी। बैठक के दौरान एसीईओ संजय खत्री, एसीईओ सतीश पाल, ओएसडी महेंद्र प्रसाद, ओएसडी क्रांति शेखर, महाप्रबंधक नियोजन सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।