नोएडा : पूर्व में रहे विधायक सांसद व मंत्री डी पी यादव महेंद्र भाटी ( पूर्व विधायक दादरी ) मर्डर केस में बरी होने के बाद पहली बार नोएडा वीडियो क्लब पहुंचे। वैसे तो यह है एक औपचारिक मुलाकात थी मगर इस अवसर पर D P यादव ने दिल खोलकर विभिन्न मुद्दों पर पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने अपने जीवन के कई खट्टे मीठे अनुभव भी साझा किया
उन्होंने अपने द्वारा लिखे एक शेर के जरिए से अपने जीवन के संघर्ष को भी प्रकट करने की कोशिश की
भूल कर नज़दीकियां वह दूरियां रखने लगा।
रुतबा पाकर भला कोई रिश्ता क्यों रखने लगा।
जबसे पतवार ने मेरी नाव को धोखा दिया।
मैं भंवर में तैरने का हौसला रखने लगा।
राजनीतिक जीवन और आगामी विधानसभा चुनाव मैं क्या हो सकती है D P यादव की रणनीति व भूमिका
D P यादव मूल रूप से नोएडा सर्फाबाद गांव के निवासी है। इस गांव में कई पहलवानों ने नाम कमाया है। मगर D P यादव ने राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई है 1989 में पहली बार क्या विधायक बने उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।आगे बातचीत करते हुए उन्होंने कहा ‘मैं चुनाव लड़ूंगा’ मगर अभी कोई सीट कंफर्म नहीं है। 10 – 12 सीट है जहां से मैं चुनाव लड़ सकता हूं। हम राष्ट्रीय परिवर्तन दल के बैनर तले या किसी बड़ी पार्टी के सिंबल पर भी चुनाव लड़ सकते हैं। इन सब बातों का निर्णय लखनऊ में होने वाली बैठक में होगा। बैठक में सभी लोग मिलकर फैसला लेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे।
D P यादव न जेल में 6 साल क्या किया?
जब D P यादव से पूछा गया की जेल में 6 वर्ष कैसे रहे? इस दौरान आपकी दिनचर्या कैसी थी? इस पर D P यादव ने कहा जेल में मेरा अधिकतर समय कविताएं लिखने में गया है। जेल में रहकर 5 किताबें लिखी है। जो बहुत जल्द प्रकाशित हो सकती हैं। हालांकि मैं जेल जाने से पहले भी चार किताबें लिख चुका हूं जिन में से कई किताबों का विमोचन पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने किया था। जेल में जो किताबें लिखी उनमें से एक का शीर्षक है ‘अभी अंत नहीं’ जो बहुत जल्द प्रकाशित हो सकत। साथ ही कहा कि मैं कबड्डी बॉलीवुड का अच्छा खिलाड़ी था इसीलिए कभी-कभी जब समय मिला तो खेलता भी था।
क्या आपको देखकर लगता है मैं कहीं का डॉन हूं
D P यादव का नाम आते ही उनकी छवि एक बाहुबली नेता की बनती है इस पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि “क्या आप लोगों को मुझे देखकर लगता है कि मैं कहीं का डॉन हूं” मैंने आज तक ऐसा कोई काम नहीं किया कि जिससे किसी को दुख पहुंचे। मगर मैं आज तक जो भी नहीं समझ पाया कि मैं कहां का डॉन था ।बिना कारण मेरा नाम बदनाम होता रहा। टीवी चैनल और अखबारों में ना जाने कैसी कैसी खबरें छपती रही मगर मैंने कभी कोई विरोध नहीं किया। क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने सिखाया था कि एक गलत सवाल का जवाब दोगे तो हजारों सवाल खड़े होंगे मैं इसी बात को मानकर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ता रहा।
आज भी 10 हजार बच्चों की पढ़ाई, 10 हज़ार लोगों को रोजगार दे रहा हूं : D P यादव
डी पी यादव ने बताया जब कोई नेता सत्ता में होता है तो उसके पास अवसर व संसाधन होते हैं वह तमाम अच्छे काम कर सकता है लेकिन मैंने सत्ता से दूर रहकर भी निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा और तमाम अच्छे काम किए है आज भी 10 हज़ार बच्चों को 14 स्कूल कॉलेज और दूसरे संस्थानों में पढ़ा रहे हैं जिनमें मेडिकल और इंजीनियर कॉलेज भी शामिल है। कोरोना काल के दौरान मैंने 60 बच्चों की फीस अपनी जेब से भरी थी। साथ ही हमारी इंडस्ट्रियल यूनिट्स में 10 हज़ार लोगों से ज्यादा काम कर रहे हैं जिन्हें हम रोजगार देते हैं मगर मेरी आदत नहीं कि मैं ढिंढोरा पीट हूं शायद इसीलिए मैंने आज तक कभी किसी से नहीं कहा क्योंकि इसको मैं अपना फर्ज मानता हूं।