✍️ योगेश राणा
नोएडा : सूचना के अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन के संबंध में कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक सम्पन्न। इस बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के सूचना आयोग के राज्य सूचना आयुक्त वीरेंद्र प्रताप सिंह सम्मिलित हुए। राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि विभिन्न विभागों में तैनात जनसूचना अधिकारीयों को मांगी गई सूचना देने में अनावश्यक विलंब न करें और निर्धारित तय अवधि 30 दिनों के भीतर सूचना प्रदान करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि निर्धन एवं पीड़ितों को सूचना देने पर विशेष ध्यान देना चाहिए और अधिकारियों को ऐसे लोगों की परेशानी को समझते हुए उनको यथाशीघ्र सूचना देकर उनकी समस्याओं का समाधान में सहयोगी बनना चाहिए।आरटीआई कानून की मूल भावना के अनुरूप सद्भावनापूर्वक सूचना दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जन सूचना अधिकारियों को सूचना के अधिकार अधिनियम की मूलभूत जानकारी रखनी चाहिए। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाओं के संदर्भ में लोकहित को प्राथमिकता दी जानी चाहिए तथा सूचनाओं को प्रदान करने में अनावश्यक विलंब नहीं किया जाना चाहिए। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना के संदर्भ में पूरी जानकारियां का विवरण जैसे सूचना कब प्राप्त हुई, सूचना का विषय, सूचना की स्थिति आदि के संदर्भ में पूरी जानकारी एक पंजिका में रखी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सूचना किसी अन्य विभाग से संबंधित है तो स्पष्ट रूप से उसका अंतरण 05 दिन के अंदर संबंधित अन्य विभाग को करें और लिखे की यह मेरे विभाग से संबंधित नहीं है। अपने पास आरटीआई कभी भी लंबित न रखें। लंबित चल रहें प्रकरणों को संज्ञान लेते हुए आगामी दिसंबर माह तक सभी प्रकरणों का निस्तारण करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि जन सूचना अधिकारी गण किसी भी आरटीआई आवेदन को तय समय सीमा से अधिक लंबित ना रखें अन्यथा आरटीआई आवेदनों के निस्तारण करने में लापरवाही बरतने वाले जन सूचना अधिकारियों के विरुद्ध राज्य सूचना आयोग द्वारा वैधानिक दंड की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के जन सूचना अधिकारी समय-समय पर आरटीआई पोर्टल समीक्षा करते रहें एवं प्राप्त आवेदनों का सूचना का अधिकार अधिनियम की धाराओं को ध्यान में रखते हुए संतोषजनक जवाब आवेदक को दिया जाए।
जनसूचना अधिकारियों के लिए विशेष कार्यशाला का किया गया आयोजन
आरटीआई विशेषज्ञ शैलेंद्र चौहान द्वारा बैठक में उपस्थित पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, राज्य कर विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, आबकारी विभाग, लघु सिंचाई विभाग, नमामि गंगे, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आपूर्ति विभाग, विद्युत विभाग, श्रम विभाग, नगर विकास विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, मत्स्य विभाग, समाज कल्याण विभाग, परिवहन विभाग, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, नोएडा/ग्रेटर नोएडा/यमुना प्राधिकरण, नगर पालिका, नगर पंचायतों से जुड़े सभी विभागों के जनसूचना अधिकारियों को सूचना का अधिकार अधिनियम के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराया गया और बताया कि किस प्रकार आरटीआई के तहत प्राप्त आवेदनों का निस्तारण करना चाहिए। इस अवसर पर जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने राज्य सूचना आयुक्त उत्तर प्रदेश का गौतम बुद्ध नगर में पधारने पर उनका धन्यवाद ज्ञापित किया और उनको आश्वस्त किया कि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत लंबित प्रकरणों के निस्तारण हेतु जो मार्गदर्शन आपके द्वारा आज बैठक में दिये गये है, उनका संबंधित विभागों के जन सूचना अधिकारियों के माध्यम से पालन सुनिश्चित कराते हुए लंबित प्रकरणों को आगामी दिसंबर माह तक निस्तारण करने की कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी और इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी शिव प्रताप सिंह प्रमेय,अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार,अपर जिलाधिकारी प्रशासन मंगलेश दुबे, उप जिलाधिकारी सदर चारुल यादव, उप जिलाधिकारी दादरी अनुज नेहरा, उप जिलाधिकारी न्यायिक जेवर विवेक भदोरिया, नगर मजिस्ट्रेट विवेकानंद मिश्र, संबंधित विभागों तथा प्राधिकरण के अधिकारीगण उपस्थित रहे।