दिल्ली में आप के विरोध में प्रचंड प्रदर्शन

भाजपा और साधू संतों ने केजरीवाल के घर के बाहर काटा बवाल

नई दिल्ली:- मंगलवार की सुबह दिल्ली के लिए खासी मुश्किल भरी रही। आम आदमी पार्टी के विरोध में साधू संतों और भाजपा के प्रचंड प्रदर्शन के कारण दिल्ली वालों को लगातार जाम से झूझना पड़ा। वहीं प्रदर्शनों की इस झड़ी में आम आदमी पार्टी के दफ्तर और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर जमकर बवाल कटा। मंगलवार सुबह एक तरफ सुबह से बीजेपी का प्रदर्शन आप के दफ्तर पर सुबह से जारी रहा तो दूसरी तरफ मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ की ओर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर साधु-संतों ने बवाल खड़ा कर दिया। बीजेपी मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ से जुड़े साधु संत चांदगीराम अखाड़े पर भारी संख्या नें पुजारियों ने प्रदर्शन किया। साधु-संतों का कहना है कि वक्फ  बोर्ड को देने के लिए केजरीवाल सरकार के पास 100 करोड़ हैं और  मौलवियों को देने  के लिए 9 करोड़ रुपए, लेकिन हिंदू पुजारियों को देने के लिए कुछ भी नहीं है। प्रदर्शन में शामिल साधु-संतों का कहना है कि आज सिर्फ केजरीवाल को चेतावनी देने के लिए आए हैं। 

इसके अलावा साधु-संतों ने कहा कि राम लीला मैदान से अगर हम केजरीवाल को उठा सकते हैं तो हम तब तक प्रदर्शन करेंगे, जब तक हमें वेतन नहीं मिल जाएगा। इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में पुजारी और भाजपा नेता शामिल रहे। इनमें दिल्ली बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, सांसद मनोज तिवारी और सांसद रमेश बिधूड़ी भी पुजारियों को समर्थन देने के मकसद से प्रदर्शन में शामिल रहे। 

बता दें कि सात जून 2022 को भी दिल्ली में साधु-संतों में केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। हिंदू संगठनों ने दिल्ली सरकार द्वारा मौलानाओं को दी जाने वाली पेंशन और वेतन के खिलाफ प्रदर्शन किया था। दिल्ली के संत केजरीवाल सरकार की हिंदू विरोधी नीतियों का विरोध लंबे अरसे से कर रहे हैं। दिल्ली मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ से जुड़े लोगों ने उस समय कहा था कि साधु-संतों का अपमान और मौलानाओं का सम्मान अब बर्दाश्त के काबिल नहीं है। दरअसल, दिल्ली में दूसरी बार सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार ने मस्जिदों के मौलना को सैलरी और पेंशन का प्रस्ताव पारित किया था। दिल्ली की केजरीवाल सरकार उसके बाद से मौलानाओं को सैलरी दे रही है। साल 2019 में सैलरी बढ़ाया गया। जनवरी 2019 में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने मस्जिदों के इमामों की सैलरी बढ़ाने का ऐलान किया था। दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान ने बोर्ड के एक कार्यक्रम में मस्जिदों के इमामों की सैलरी बढ़ाने का एलान किया था। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे। मौलाना की सैलरी दस हजार से बढ़ाकर 18000 और मुअज्जिन की सैलरी 9000 से बढ़ाकर 16 हजार कर दी थी। 

आप के दफ्तर पर भाजपा का प्रदर्शन:

राजधानी दिल्ली में एमसीडी मेयर चुनाव को लेकर आप और बीजेपी के बीच सियासी संग्राम सड़क पर आ गया है। मंगलवार को बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता सुबह 11 बजे से ही आप दफ्तर पर एकत्रित हुए और जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में दिल्ली बीजेपी के तमाम पार्षद, सांसद और अध्यक्ष शामिल हैं। इस दौरान दिल्ली बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी की। यही नहीं दिल्ली बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड पर चढ़कर आप दफ्तर में घुसने की कोशिश की, जिसे मौके पर तैनात दिल्ली पुलिस के जवानों ने विफल कर दिया। दिल्ली पुलिस ने बीजेपी के प्रदर्शनकारियों बैरिकेडिंग पर ही रोक लिया।

भाजपा नेता रामवीर सिंह विधूड़ी

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक रामवीर सिंह विधूड़ी ने प्रदर्शन के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आप नेता कह रहें है एल्डरमैन वोट नहीं डालेंगे। दूसरी तरफ उन्होंने दो सजायाफ्ता दो विधायकों को सदन में बिठा दिया। अगर उनके वोट गिने जाएंगे, तो वही फिर वहीं बात हो गई, न खाता न बही जो मैं कहूं वो सही। वो हमें तानाशाह कह रहें हैं, जबकि फैक्ट्स जनता के सामने हैं। आप वालों को पता है कि कौन है तानाशाह है। वो एलजी को भी तानाशाह मान रहे हैं। हकीकत यह है कि सीएम अरविंद केजरीवाल सबसे बड़े तानाशाह हैं। हम तो चाह ही रहें है कि मेयर जल्द से जल्द चुना जाए, लेकिन ये उनकी नाकामी है की अब तक मेयर का चुनाव नहीं हो पाया है।

भाजपा मेयर पड़ प्रत्याशी रेखा गुप्ता

इस ​मौके पद बीजेपी मेयर पद की प्रत्याशी रेखा गुप्ता ने कहा है कि ये आम आदमी पार्टी की नाकामी है कि मेयर का चुनाव नहीं करा पा रही है। कल हमारे पार्षदों ने उनके सामने हाथ तक जोड़े, उसके बावजूद वो सदन नहीं चला पाए। बता दें कि छह जनवरी को दिल्ली नगर निगम मेयर चुनाव के लिए सदन की बैठक बुलाई गई थी। बैठक के दौरान आप और बीजेपी कार्यकर्ताओं की हंगामे की वजह से पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने एक बार फिर मेयर का चुनाव अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया।