मां ने दो बेटियों को टैंक में डुबोकर मार डाला

-जहर पीकर भाई को फोन किया, कहा- सुसाइड कर रही हूं; देवर ने बचाया

श्रीगंगानगर।


श्रीगंगानगर जिले में मां ने दो मासूम बेटियों को डिग्गी (पानी के टैंक) में फेंक दिया। डूबने से बच्चियों की मौत हो गई। वहीं, मां ने जहर पी लिया। जब इससे उसकी मौत नहीं हुई तो उसने कमरे में खुद को आग लगा ली, लेकिन देवर ने उसे बचा लिया। सुसाइड की कोशिश करने से पहले महिला ने भाई को फोन भी किया था। घटना श्रीकरणपुर इलाके के गांव 6 एफए रड़ेवाला की गुरुवार दोपहर साढ़े तीन बजे की है।


गुरलीन कौर (4)‎ और हरलीन कौर (1) के शव घर में‎ बनी पानी की डिग्गी में मिले थे। उनकी मां परविंदर कौर (32) बंद‎ कमरे में अचेत पड़ी थी। आशंका है कि सुसाइड की कोशिश करने से पहले महिला ने ही दोनों बेटियों को डिग्गी में फेंका है। महिला का श्रीगंगानगर के लालगढिय़ा हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। उसकी हालत गंभीर है। बच्चियों के शव डिग्गी से निकाल कर मॉच्र्युरी में रखवाए हैं।


श्रीकरणपुर डीएसपी संजीव चौहान ने बताया- महिला के सुसाइड अटेम्प्ट का मामला सामने आया है। फिलहाल महिला बेहोश है। बयान देने की स्थिति में नहीं है। उसकी हालत में सुधार होने और होश में आने के बाद बयान लिए जाएंगे। पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
प्राथमिक इलाज के बाद परविंदर‎ कौर को रेफर करने वाले श्रीकरणपुर के‎ सरकारी अस्पताल के डॉक्टर रोहताश ने‎ महिला के भाई और मां को बताया‎ कि परविंदर ने किसी जहरीले पदार्थ‎ का सेवन किया हुआ है।


कीटनाशक के सेवन ‎से मौत नहीं हुई तो परविंदर ने कमरा‎ अंदर से बंद कर खुद को आग लगाने‎ का भी प्रयास किया था। लेकिन, तब तक‎ देवर ने आकर उसे बचा लिया। ‎परविंदर ने कीटनाशक का सेवन कर ‎भाई को फोन किया था कि वह‎ सुसाइड कर रही है। भाई ने ही देवर समनदीप को‎ मौके पर भेजा था।‎ पदमपुर की‎ परविंदर कौर की शादी रड़ेवाला के‎ पवनदीप सिंह से 2019 में हुई‎ थी।
देवर समनदीप ने बताया कि मैं गुरुवार को मां के साथ कपास का नरमा चुगने के लिए खेत चला गया था। पिता काम पर श्रीकरणपुर गए थे। मेरा भाई और परविंदर का पति पवनदीप सिंह करीब 2 माह पूर्व काम के लिए साइप्रस चला गया था। भाभी परविंदर बेटियों के साथ घर पर अकेली थी।
भाभी परविंदर का पीहर पदमपुर में है। वहां से उनके भाई ने ही मुझे फोन पर बताया था कि परविंदर सुसाइड कर रही है। मैं तुरंत मौके पर पहुंचा। दरवाजे के बाहर की कुंडी तोडक़र परविंदर को बचाया।
परविंदर के छोटे भाई जगमीत सिंह (19) ने बताया ‎कि दीदी हम 4 बहन-भाइयों में सबसे बड़ी‎ हैं। गुरुवार को दीदी का फोन आया था।‎ उन्होंने कहा- सुसाइड कर रही हूं। इस पर मैंने‎ तत्काल दीदी के देवर को सूचना दी। घटना से दो-ढाई घंटे पहले भी दीदी से फोन‎ पर बात हुई थी। सामान्य बात ही हुई। पूरा क्या‎ मामला है यह तो दीदी के होश आने के बाद ‎ही पता चल पाएगा।‎
इधर, पुलिस सभी एंगल से‎ जांच कर रही है। इस एंगल से भी जांच कर ‎रही है कि इनके 2 बेटियां ही थीं, कहीं बेटे‎ की चाह या तानों के कारण तो ऐसा कदम नहीं उठाया। ‎
भाई जगमीत सिंह ने बताया- परविंदर के ससुराल वाले उसे लगातार परेशान करते थे। वे उसकी बेटियों को भी पसंद नहीं करते थे। इसके चलते परविंदर ने यह कदम उठाया।
जगमीत ने बताया कि उसके जीजा साइप्रस गए थे, लेकिन उन्हें वहां जॉब नहीं मिली थी। ऐसे में वो लौटना चाहते थे, लेकिन परिवार के लोग परविंदर पर दबाव बनाते थे कि उसका पति लौटना नहीं चाहिए। उस पर उन्होंने 7 लाख रुपए खर्च किए हैं।


परिजन ने बताया कि महिला के ससुराल वाले उसे छोटी-छोटी बातों पर ताने देते रहते थे। दोनों बेटियों को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे। परविंदर को हमेशा बेटियों की चिंता रहती थी। मजबूरन उसने यह कदम उठा लिया। घटना के बाद भाई ने देवर को इस बारे में सूचना दी। इस पर वह घर पहुंचा, लेकिन इसके बाद से ससुराल के परिवार का कोई भी सदस्य उसकी सुध लेने के लिए नहीं आया है। भाई जगमीत ने बताया कि परविंदर की ननद अस्पताल तक आई, लेकिन गेट से ही लौट गई।