रतन टाटा का निधन : भारत ने खोया एक महान उद्योगपति और परोपकारी


नई दिल्ली/ मुंबई :- भारत और उद्योग जगत के लिए एक दुखद खबर सामने आई है। टाटा ग्रुप और टाटा संस के सम्मानित एमेरिटस चेयरमैन रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। बुधवार की शाम में उनकी तबीयत बिगड़ने की खबर आई थी, जिसके कुछ घंटे बाद ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

रतन टाटा 1991 से 2012 तक और 2016 से 2017 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे। हालांकि, उन्होंने कंपनी के दैनिक कामकाज से खुद को अलग कर लिया था, फिर भी वे कंपनी के चैरिटी ट्रस्टों के प्रमुख बने रहे। साल 2008 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था, जो भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है।

रतन टाटा के निधन पर टाटा संस के चेयरमैन ने क्या कहा

टाटा संस के मौजूदा चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने इस दुखद मौके पर बयान जारी करते हुए कहा, “हम एक बहुत बड़ी क्षति के साथ श्री रतन नवल टाटा को विदाई दे रहे हैं। वे वास्तव में एक असाधारण नेता थे, जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा ग्रुप को बल्कि हमारे राष्ट्र को भी आकार दिया है।”

उन्होंने आगे कहा, “रतन टाटा टाटा ग्रुप के लिए एक मार्गदर्शक, मित्र और प्रेरणादायक व्यक्ति थे। उनका नेतृत्व और योगदान हमें हमेशा याद रहेगा।”

प्रधानमंत्री और देश की प्रमुख हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और उन्हें “दयालु आत्मा और असाधारण इंसान” बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “रतन टाटा जी ने न केवल व्यापार में बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया। उनका योगदान हमारी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा।”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी जताया शोक

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा, “रतन टाटा एक दूरदर्शी व्यक्ति थे। उन्होंने व्यवसाय और परोपकार दोनों पर अमिट छाप छोड़ी है। उनके परिवार और टाटा समुदाय के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।”

रतन टाटा की महत्वपूर्ण उपलब्धियां

रतन टाटा 1991 में 100 बिलियन डॉलर के विशाल टाटा समूह के चेयरमैन बने। इस समूह के तहत स्टील से लेकर सॉफ्टवेयर तक का कारोबार फैला हुआ है। उन्होंने 1996 में टाटा टेलीसर्विसेज की स्थापना की और 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को सार्वजनिक किया, जो आज भारत की सबसे मूल्यवान आईटी कंपनी है।

साल 2008 में, उन्होंने जगुआर और लैंड रोवर जैसे प्रतिष्ठित ब्रिटिश कार ब्रांडों का अधिग्रहण किया। इसके अलावा, टाटा नैनो जैसी किफायती कार लॉन्च कर उन्होंने आम भारतीय उपभोक्ता तक गुणवत्ता और इनोवेशन को पहुंचाया।

रतन टाटा का जीवन और उनका काम भारत में उद्योग, परोपकार, और नेतृत्व के क्षेत्रों में एक स्थायी प्रभाव छोड़ गया है। उनके नेतृत्व में, टाटा ग्रुप ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई और कई नई ऊंचाइयों को छुआ। उनका योगदान समाज के उत्थान और उद्योगों के विकास के लिए अद्वितीय रहेगा।

अंतिम विदाई में उद्योग जगत और देशभर से श्रद्धांजलि

जैसे ही रतन टाटा के निधन की खबर फैली, उद्योग जगत और अन्य क्षेत्रों से श्रद्धांजलि का सिलसिला शुरू हो गया। रतन टाटा के निधन से न केवल टाटा समूह बल्कि पूरे देश ने एक महान नेता,उद्योगपति और परोपकारी को खो दिया है। उनके योगदान और प्रेरणादायक जीवन को हमेशा याद किया जाएगा।