This is the process of demolition of twin tower : ये है ट्विन टॉवर गिराने का प्रोसेस


15 बार चक्के को घुमाने पर मिलेगा ग्रीन सिग्नल, 20 फ्लोर में प्राइमरी तो 8 में सेकंड्री ब्लास्ट होगा


नोएडा:- नोएडा में सुपरटेक के दोनों टावर 28 अगस्त दोपहर ढाई बजे ध्वस्त किए जाएंगे। ट्रिगर मैन चेतन दत्ता ने बताया कि इस ब्लास्ट में सबसे अहम प्राइमरी और सेकंड्री ब्लास्ट है। 20 फ्लोर पर प्राइमरी ब्लास्ट किया जाएगा। इसमें एपेक्स टावर के बेसमेंट फ स्र्ट फ्लोर, 2,6,10,14,18,22,26 और 32 है। इसमें 100 प्रतिशत बारूद लगाया गया है।
     प्राइमरी ब्लास्ट में पिलर इमारत को नीचे आने के लिए प्रेशर बनाएंगे। दोनों टावर में आठ फ्लोर ऐसे है, जिसमें सेकंड्री ब्लास्ट किया जाएगा। इसमें दोनों टावरों 4,8,12,16,20,24,28 और 30 है। सेकंडरी ब्लास्ट में ग्रेवटी के अनुसार दोनों टावर को नीचे लेकर आएंगे। इसके लिए 40 प्रतिशत बारूद लगाया गया है। टावरों को गिराने के लिए दो ब्लास्ट प्राइमरी और सेकेंडरी होंगे। प्राइमरी ब्लास्ट का सिक्यूसेंस 0 से 7.0 सेकंड का होगा। इसी तरह सेकेंडरी ब्लास्ट 0 से 3.5 सेकंड का होगा। दोनों इमारत नौ सेकंड जमींदोज हो जाएंगी। एक्सपर्ट ने बताया कि काउंटडाउन शुरू होते ही स्पार्क को एक्टिवेट करना शुरू कर दिया जाता है। जीरो होते ही प्लग दबाकर स्पार्क होगा और इस अंतराल पर विस्फ ोट होगा। इसके लिए 9 हजार 600 होल में डिले डटोनेटर लगाए गए है। जिसमे टाइमिंग सेट की गई है। ये टाइमिंग के अनुसार ही ब्लास्ट होंगे।


क्या है ट्रिगर रिमोट;

ट्रिगर रिमोट एक छोटा सा बाक्स होता है। जिससे स्पार्क पैदा करने के लिए करंट फ्लो किया जाता है। ये ब्लास्ट नॉन इलेक्ट्रिकल है इसलिए इसे चार्ज किया जाएगा। इसमें दो वायरिंग है जिसे मेन वायरिंग से जोड़ा जाएगा। चार्जिंग के लिए 15 बार चक्के को घुमाना होगा। रेड लाइट ऑन होते ही ग्रीन बटन को दबा दिया जाएगा। इसे दबाते ही प्राइमरी और फि र सेकंड्री ब्लास्ट होगा। यहां किए होल में मिनिमम 2.5 ग्राम और मैक्सिमम 1 केजी तक एक्स्प्लोसिव को भरा गया है। ध्वस्तीकरण के समय एक घंटे के लिए नो फ्लाई जोन रहेगा। करीब दो से तीन बजे तक। इसके लिए गाजियाबाद हिंडन एयरबेस को लिखा जा चुका है। आज से 31 अगस्त तक ड्रोन का संचालन नहीं किया जाएगा। इस आदेश का उल्लंघन धारा 188 अंतर्गत अपराध होगा।