Noida News : रामलीला मंचन में विभीषण निष्कासन से लेकर लक्ष्मण मूर्छा तक के प्रसंग का होगा प्रदर्शन

✍🏻 योगेश राणा


नोएडा :- भीषण का निष्कासन और श्रीराम की शरण में आनानोएडा के सनातन धर्म रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला में आज के मंचन में मुख्य प्रसंग रावण द्वारा विभीषण को लात मारकर लंका से निष्कासित करने का रहा। विभीषण द्वारा रावण को काम, क्रोध, मद और लोभ का परित्याग कर प्रभु श्रीराम की भक्ति करने की सलाह देने पर, रावण क्रोधित हो जाता है और विभीषण का अपमान कर उन्हें लंका से बाहर निकाल देता है। इसके बाद विभीषण प्रभु श्रीराम की शरण में जाते हैं। श्रीराम उनका स्वागत करते हुए समुद्र के जल से उनका राजतिलक करते हैं और उन्हें लंका का राजा घोषित करते हैं।

सेतु निर्माण और लंका पर चढ़ाई

इसके बाद रामेश्वरम् की स्थापना होती है और श्रीराम नल-नील द्वारा समुद्र पर पुल निर्माण कर लंका जाने की तैयारी करते हैं। इस दौरान, श्रीराम लंका की निर्दोष जनता के प्रति अपनी करुणा दर्शाते हुए अंगद को संदेशवाहक के रूप में रावण के पास भेजते हैं। अंगद रावण के दरबार में अपना संदेश सुनाते हैं और चुनौती देते हैं कि अगर कोई योद्धा उनका पैर उठा सके, तो श्रीराम युद्ध किए बिना वापस लौट जाएंगे। रावण के दरबार में कोई भी योद्धा अंगद का पैर उठाने में सफल नहीं होता, जिससे रावण की हार निश्चित मानी जाती है।लक्ष्मण और मेघनाथ का भीषण युद्धइसके बाद, युद्ध का आरंभ होता है। मेघनाथ और लक्ष्मण के बीच भीषण युद्ध दिखाया जाता है। इस युद्ध में मेघनाथ लक्ष्मण पर अमोघ शक्ति का प्रयोग करते हैं, जिससे लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं। इस दृश्य के दौरान, श्रीराम अपने भाई की हालत देखकर अत्यंत व्यथित होते हैं और विलाप करते हैं। हनुमान जी भी इस स्थिति से विचलित हो जाते हैं।

हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी की खोज

हनुमान जी विभीषण से अमोघ शक्ति के उपाय के बारे में पूछते हैं, तो विभीषण बताते हैं कि इस शक्ति का उपचार केवल सुषेण वैद्य कर सकते हैं, जो लंका में हैं। हनुमान जी तुरंत लंका जाते हैं और सुषेण वैद्य को लेकर आते हैं। सुषेण वैद्य बताते हैं कि लक्ष्मण के जीवन की रक्षा संजीवनी बूटी से ही संभव है, जो हिमालय पर्वत पर मिल सकती है। इसके बाद, हनुमान जी हिमालय पर्वत की ओर संजीवनी बूटी लाने के लिए प्रस्थान करते हैं।

लक्ष्मण के उपचार का दृश्य होगा मुख्य आकर्षण

आज के रामलीला मंचन का अंतिम और मुख्य आकर्षण हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाने का दृश्य होगा, जिसमें दर्शकों को रोमांचक और भावुक प्रसंग देखने को मिलेगा। हनुमान जी के संजीवनी बूटी लाने और लक्ष्मण के पुनः जीवन प्राप्त करने का यह दृश्य दर्शकों के मन को भावविभोर कर देगा।