डॉक्टरी एक नोबेल पेशा है:सुहास एल वाई


डेंटल केअर पर आधारित कार्यक्रम में मेट्रो हॉस्पिटल पहुंचे जिलाधिकारी


नोएडा:- गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एल वाई बुधवार को नोएडा के सेक्टर 11 स्थित मेट्रो हॉस्पिटल पहुंचे। दांतों की सुरक्षा व देखभाल पर आधारित एक सेमिनार में यहां उन्होंने शिरकत करते हुए डॉक्टरी पेशे को दुनिया का सबसे नोबेल पेशा बताया। इस दौरान उन्होंने कहा कि धरती पर इन्हें भगवान कहा जाता है। कोरोना काल में इन चिकित्सकों व उनके अन्य स्टाफ ने ही लोगों को बचाए रखा। यह सेमिनार मैट्रो अस्पताल के डेंटल विभाग के 20 वर्ष पूरे होने पर किया गया। यहां दन्त रोग विशेषज्ञों ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किये। डॉ. गौरव वालिआ, वरिष्ठ दन्त रोग विशेषज्ञ हैं मैट्रो हॉस्पिटल नॉएडा, ने बताया कि आजकल दांतों की समस्या को लेकर लोगों में कैंसर का डर बना हुआ है। कैंसर सर्वप्रथम होंठ के पास, जीभ, दांतों के मसूड़ों में, गला के पास देखा जाता है। मुंह में अल्सर, गांठ, या सफेद चकत्ते, मुह में छाले अगर 20 से अधिक हो, खाना निगलने में दर्द या परेशानी, गले में कुछ फसा होना एवं दांत के पास गांठ होना कैंसर की शुरुआती लक्षण है। अगर इसका प्रथम चरण में इलाज शुरू हो जाए तो ठीक हो सकता है। मसूड़ों और दांतों की समस्या एक कॉमन समस्या है, लेकिन कई बार इन्हीं कॉमन सी नजर आने वाली समस्याओं को नजरअंदाज करने या इनके बार-बार होने से समस्या गंभीर रूप धारण कर लेती है।
डॉ. सोनिया खुराना, वरिष्ठ दन्त रोग विशेषज्ञ, मैट्रो हॉस्पिटल, नॉएडा ने बताया की आमतौर पर मसूड़ों में सूजन, मसूड़ों से खून निकलना, दर्द, मसूड़ों का ढीला होना, सूजन होने पर मसूड़ों का लाल होना, झनझनाहट आदि समस्याएं होती हैं। कई बार ये समस्याएं खुद ही दो-तीन दिनों में ठीक हो जाती हैं, तो कई बार ये जल्दी ठीक नहीं होती हैं। खासकर, मसूड़ों में होने वाली सूजन जल्दी ठीक न हो, तो एक बार डॉक्टर से जरूर दिखा लें। मुंह की सेहत खराब होने से मसूड़ों में सूजन आ जाती है। कई बार ब्रश करते समय मसूड़े छिलने से सूजन हो जाती है, एलर्जी होने यहां तक कि ओरल कैंसर के कारण भी ये समस्याएं होती हैं। इन समस्यों को अगर वक़्त रहते विशेषज्ञ परामर्श द्वारा रोका जाए तो न केवल इन्हे आगे बढ़ने से रोका जा सकता है बल्कि इनसे होने वाली कई और समस्याओं को जड़ से समाप्त किया जा सकता है ।


दांतों की नजर अंदाजी से हो सकता है हृदय रोग:

डॉ. पुरुषोत्तम लाल


डॉ पुरषोत्तम लाल, चेयरमैन, मैट्रो हॉस्पिटल, ने बताया की अगर आप दांतों का ठीक से ख्याल नहीं रखते तो इसकी वजह से ब्लड स्ट्रीम यानी खून में एक बैक्टीरियल संक्रमण की स्थिति पैदा हो सकती है। इसका असर सीधे हार्ट के वॉल्व पर पड़ सकता है। दांतों के टूटने या उन्हें क्षति पहुंचने का पैटर्न कई लोगों में कोरोनरी आर्टरी डिजीज से भी जुड़ा हो सकता है। डायबिटिक लोगों में दांतों की खराबी का सीधा कनेक्शन कार्डियोवैस्क्युलर डिजीज से जुड़ा हो सकता है।
मेट्रो अस्पताल की डायरेक्टर पूनम लाल ने कहा कहा कि बदलती जीवन शैली, कार्य व्यस्तता, तनाव एवं अनुचित खानपान के कारण बीमारियां बढ़ रही हैं। इसमें हम सबका दायित्व यह बन जाता है कि हम समय समय पर शारीरिक जांच करवाते रहें। परंतु इसके विपरीत हम सभी डॉक्टर के पास जाते हैं जब शरीर में कोई प्रॉब्लम आती है। दांतो के संदर्भ यह कहना उचित होगा कि दांत हमारे शरीर का सबसे उपेक्षित भाग हैं। जबकि यह देखा गया है कि दांतो की उपेक्षा कैंसर ,हृदय रोग एवं रोग का बड़ा कारण है। और इन सब बीमारियों की रोकथाम का एक ही उपाय है कि हम समय पर अपनी जांच कराएं


ऐसे करें देखभाल:

प्रत्येक छह महीने में दांतों का चेकअप कराएं। दांतों के रोग का प्रारंभिक अवस्था में पता नहीं चलता। अत: चेकअप आवश्यक है। नियमित रूप से दिन में दो बार ब्रश करें। दांतों के बीच की दरारों को डेंटल फ्लॉस द्वारा साफ करें। विटामिन युक्त पदार्थों का सेवन करें। जैसे हरी सब्जियां और फल। फास्ट फूड का सेवन कम करें। वर्ष में दो बार दांतों की सफाई (स्केलिंग) करवाएं।
अगर आप दांतों का ठीक से ख्याल नहीं रखते तो इसकी वजह से ब्लड स्ट्रीम यानी खून में एक बैक्टीरियल संक्रमण की स्थिति पैदा हो सकती है। इसका असर सीधे हार्ट के वॉल्व पर पड़ सकता है।


मुंह के कैंसर के लक्षण:
-वजन कम होना
-टॉन्सिल्स में दर्द
-दांत ढीले हो जाना
-थकान महसूस होना
-मसूड़ों में सूजन होना
-मसूड़ों ले खून आते रहना
-मुंह के छाले ठीक ना होना
-गले, छाले, दर्द, सूजन होना
-मसूड़ों में सूजन, लाल धब्बे, दर्द
-कुछ भी निगलने में दर्द महसूस करना
-मुंह में सफेद या फिर लाल चकत्ते होना
मुंह में कैंसर होने के कारण:
-अधिक धूम्रपान करना
-तंबाकू का अधिक सेवन
-मुंह की साफ-सफाई में कमी
-देर तक धूप में रहने से होंठों को नुकसान पहुंचता है

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