Noida News : फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश : 15 आरोपी गिरफ्तार

नोएडा : विदेशी नागरिकों को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़, लाखों की ठगी का खुलासा

नोएडा। सेक्टर-39 थाना पुलिस ने बुधवार को सेक्टर-100 स्थित एक फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारते हुए 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया। ये ठग एप्पल प्रोडक्ट के ऑर्डर रद्द होने पर रिफंड प्रोसेस करने के लिए तकनीकी सहायता देने के नाम पर विदेशी नागरिकों से ठगी कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि ये लोग फर्जी हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से धोखाधड़ी करते थे। पुलिस की टीम इस गिरोह के सरगना और अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है।

एसीपी प्रवीण सिंह ने बताया

एसीपी प्रवीण सिंह ने बताया कि थाना सेक्टर-39 पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर सेक्टर-100 के मकान नंबर सी-234 में दबिश दी गई। यहां पर VOIP कॉलिंग सर्वर के जरिए विदेशी नागरिकों के लैपटॉप और कंप्यूटर पर वायरस और फर्जी लिंक डाले जा रहे थे। इसके बाद तकनीकी सहायता देने के बहाने ठग उनके कंप्यूटर और लैपटॉप को रिमोट एक्सेस पर ले लेते थे। इस प्रक्रिया के बाद, ठग पीड़ितों के ऑनलाइन खातों से बड़ी रकम ट्रांसफर कर लेते थे।

एसीपी ने कहा कि इस गिरोह का मुख्य लक्ष्य विदेशी नागरिक, खासकर अमेरिका के लोग थे। ठग उनके कंप्यूटर में वायरस डालकर तकनीकी सहायता के नाम पर संपर्क करते थे। इसके बाद, ठग सॉफ्टवेयर के माध्यम से उनके लैपटॉप और कंप्यूटर को हैक कर लेते थे और उनके क्रेडिट कार्ड या ऑनलाइन खातों की जानकारी लेकर धोखाधड़ी से रकम ट्रांसफर कर लेते थे। ठग हवाला के जरिए भारतीय मुद्रा में कैश मंगवाते थे, जबकि पीड़ितों से डॉलर, गिफ्ट कूपन और क्रिप्टोकरेंसी की मांग की जाती थी।

डार्क वेब और वीओआईपी कॉलिंग का इस्तेमाल

जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि ठग डार्क वेब के माध्यम से विदेशी नागरिकों का डेटा प्राप्त करते थे। इसके बाद, पीड़ितों को फर्जी लिंक और ईमेल भेजे जाते थे। तकनीकी सहायता देने के नाम पर एक फर्जी हेल्पलाइन नंबर भी प्रदान किया जाता था। ठग वीओआईपी (वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) कॉलिंग का इस्तेमाल करते थे, जिससे कॉल्स की ट्रैकिंग और रिकॉर्डिंग मुश्किल हो जाती थी। यह तकनीक वॉट्सएप कॉलिंग की तरह काम करती है, जिसमें कॉल का पता नहीं चलता है।

बरामदगी : पुलिस ने मौके से 18 लैपटॉप, 4 इंटरनेट राउटर, 3 चार पहिया वाहन, 2 दो पहिया वाहन, 14 हेडफोन, 18 लैपटॉप चार्जर/एडॉप्टर, 24 मोबाइल फोन और 98 हजार रुपए नकद बरामद किए हैं। इस गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए छानबीन जारी है।

पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि वे पिछले कई महीनों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे।