उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने तिब्बती नागरिक को गिरफ्तार किया, साइबर अपराध में लिप्त होने का आरोप

:- भारतीय लोगों के बैंक खातों को चीनी और कंबोडियाई साइबर अपराधियों को करते थे उपलब्ध।


UP News : उत्तर प्रदेश एसटीएफ (STF) ने एक तिब्बती नागरिक को गिरफ्तार किया है, जिसके पास से कंबोडिया सिम कार्ड, दो मोबाइल फोन और अन्य सामग्री बरामद की गई है। आरोपी पर आरोप है कि वह भारतीय लोगों के बैंक खातों को चीनी और कंबोडियाई साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराता है, जिनका उपयोग ठगी की गई रकम को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।

नोएडा की एसटीएफ (STF) के एसएसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि बीती रात निरीक्षक सचिन कुमार की सूचना के आधार पर दिल्ली के द्वारका से दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया। इनके नाम चंद्र ठाकुर पुत्र रमेश ठाकुर और दीपक निराला पुत्र शिवराज बताए गए। इनकी पूछताछ के दौरान चंद्र ठाकुर ने पुलिस को बताया कि वह तिब्बत का निवासी है। इसके पास से भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर कार्ड बरामद हुए, जो चंद्र ठाकुर के नाम से जारी किए गए थे।चंद्र ठाकुर का मोबाइल फोन चेक करने पर पाया गया कि उसने तिब्बत का निवासी होने की पुष्टि की। उसके व्हाट्सएप चैट में भारतीयों के साइबर फ्रॉड के लिए बैंक खातों को उपलब्ध कराने की जानकारी मिली। सख्ती से पूछताछ के दौरान उसने अपना सही नाम छीन्जों थार्चरिन बताया और बताया कि उसकी उम्र 37 वर्ष है।

कैसे हुई थी भारत में एंट्री

उसने बताया कि 2001 में लासा से भागकर वह नेपाल के ढुकला आया और वहां तीन महीने रिफ्यूजी सेंटर में रहा। नेपाल से वह धर्मशाला आ गया और वहां तिब्बती शरणार्थियों के लिए दी जाने वाली राशि प्राप्त की। इसके बाद उसने बौद्ध धर्म संचालित स्कूल में पढ़ाई की और फिर काठमांडू, दार्जिलिंग और पश्चिम बंगाल में रहने लगा। यहां उसने फर्जी भारतीय नाम चंद्र ठाकुर के नाम से कई दस्तावेज बनवाए और भारतीय पासपोर्ट भी प्राप्त किया।आरोपी ने कई देशों की यात्रा की और काठमांडू में चीनी नागरिकों से मुलाकात की, जो भारतीयों से साइबर ठगी करते हैं। इसने उनके साथ सौदा किया और भारतीयों के बैंक खातों को उपलब्ध कराने का अवैध कारोबार शुरू किया। दिल्ली के मजनू टीला में आने के बाद, उसने कई अन्य तिब्बती नागरिकों के साथ मिलकर बैंक खातों को चीनियों को उपलब्ध कराया। दिसंबर 2021 में थाना गुरु तेग बहादुर नगर एनक्लेव पुलिस ने इसे गिरफ्तार किया था, और यह करीब 9 महीने जेल में रहा। जेल से छूटने के बाद भी उसने साइबर फ्रॉड के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराना जारी रखा। एसटीएफ ने इसके पास से कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की हैं, जिसमें श्रीलंका और कंबोडिया में साइबर अपराध करने वाले चीनी नागरिकों के बारे में जानकारी शामिल है। पूछताछ के दौरान दीपक निराला को छोड़ दिया गया।