दिल्ली पुलिस का कांस्टेबल आखिर क्यों बना हत्यारा, जानिए पूरी हकीकत-?

✍🏻 योगेश राणा


ग्रेटर नोएडा :- ग्रेटर नोएडा पुलिस ने सुलझाई ब्लाइंड मर्डर की मिस्ट्री।व्यापारी को हथौड़े से उतारा था मौत के घाट पुलिस की जांच में खुलासा। पुलिस को गुमराह करने के लिए हत्यारे ने दृश्यम पिक्चर की थ्योरी अपनाया लेकिन इस ब्लाइंड मर्डर में हत्यारे ने इस कहानी के क्लाइमेक्स को उल्टा कर दिया ताकि पुलिस की जांच कभी किसी निष्कर्ष पर पहुंच ही ना सके इस लिए हत्यारे ने व्यापारी अंकुश की हत्या कर शव को थाना-नॉलेज पार्क क्षेत्र में स्थित एक जंगल में फेंक दिया था साथ ही बड़ी चालाकी से पुलिस को गुमराह करने के लिए खुद ही व्यापारी के मोबाइल फोन पर बद्रीनाथ और काठमांडू सर्च किया था ताकि पुलिस इस उलझन में उलझ कर रहे जाए कि व्यापारी स्वयं की इच्छा से कहीं तीर्थ यात्रा पर चला गया है। हत्यारे ने हत्याकांड की पटकथा को बेहद ही बारीक तरीके से इस्तेमाल करते हुए आगे बढ़ रहा था कब और कौनसा क़दम उठाना है।इस लिए हत्या के बाद आरोपी ने मृतक के मोबाइल फोन से ही वकील साहब और अंकित के वॉट्सऐप पर पैसे मिलने और डाक्यूमेंट तैयार कराने का मैसेज भेजा था जिससे किसी को आरोपी पर संदेह न हो। इस लिए प्लान के मुताबिक‌ आरोपी प्रवीण ने गाड़ी बेसमेंट पार्किंग में खड़ी कर दी और पार्किंग में से गाड़ी निकालकर एलजी गोल चक्कर होते हुए शारदा गोल चक्कर की तरफ टी-सीरीज की जमीन के सामने झाड़ियों में ले जाकर मृतक का शव फेंक दिया।शायद हत्यारे को लगा कि शव को फेंककर बच गया है लेकिन दिल्ली पुलिस का आरोपी सिपाही शायद यह भूल गया था कि उत्तर प्रदेश की सबसे हाईकोर्ट पुलिस के नाम से मशहूर नोएडा पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने इस हत्याकांड की कड़ियों को जोड़ना शुरू किया तो पुलिस की सुई हत्यारे सिपाही प्रवीण पर आ कर रूक गई पुलिस ने प्रवीण से पुछताछ की तो पुलिस को बताया कि व्यापारी को बुलाने के बाद उसने पिक अप करने के बाद उसे छोड़ दिया था लेकिन यह बात पुलिस को हज़म नहीं हो रही थी क्योंकि जिस तरीके से प्रवीण पेट्रोल पंप पर पहुंचा अपनी लोकेशन और अपने आप को कैमरे में दर्ज करवाना संदेह की तरफ़ इशारा कर रही है फिर क्या पुलिस ने कुंडली खंगालना शुरू कर दिया, पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे देखें तो पता चला कि प्रवीण ने बेहद चालाकी से जहां कैमरा नहीं लगा था, वहां उसने व्यापारी को गाड़ी के पीछे वाली सीट पर भेज दिया‌ था इसके बाद वह एक पेट्रोल पंप पर पहुंचा था ताकि किसी को प्रवीण पर संदेह न हो और प्लानिंग के अनुसार अंकुश को एक ऐसी पार्किंग में ले गया जो तीनों तरफ से बंद थी खाश बात इस में यह थी कि इस हत्याकांड की प्लानिंग पूरी प्लानिंग के साथ की गई थी जब ही तो हत्यारे ने हत्या करने के लिए बंद पार्किंग को चुना,फिर उसके बाद अंकुश की हत्या कर शव को नॉलेज पार्क के जंगल में फेंक दिया था और अंकुश के शव को फेंकने के लिए आरोपी कांस्टेबल ने अंकुश की गाड़ी का इस्तेमाल किया था और चुपचाप गाड़ी को पार्किंग में खड़ा कर दिया था। शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला कि यह हत्या प्लांट के पैसों को लेकर की गई है बाकी सभी पहलुओं पर पुलिस जांच कर रही है।

ब्लाइंड मर्डर पर डीसीपी साद मियां खांन ने क्या कुछ जानकारी साझा की-?

डीसीपी ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि इस हत्या को अंजाम देने वाला व्यक्ति दिल्ली पुलिस का एक सिपाही जो वर्तमान में काफी समय से निलंबित चल रहा था और यह 2004 की भर्ती का सिपाही था। इस मामले का खुलासा करते हुए डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खान ने बताया कि आरोपी सिपाही को थाना बीटा-2 पुलिस और स्वाट टीम ने एलजी गोल चक्कर गंदे नाले के पास से गिरफ्तार किया है। इसके कब्जे से आलाकत्ल हथौड़ा और घटना में प्रयुक्त आरोपी की क्रेटा कार बरामद हुई है। इसके अलावा आरोपी की निशांदेही पर एलजी गोल चक्कर से शारदा गोल चक्कर के बीच टी-सीरीज की खाली पड़ी भूमि की झाड़ियों से गुमशुदा मृतक अंकुश शर्मा निवासी गोल्फ विस्टा अपार्टमेंट अल्फा-2 का शव बरामद हुआ है।